देवरिया। इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में राम नवमी के दिन हुए दर्दनाक हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है। करीब 18 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया है, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। रामनवमी के दिन पूजा और हवन में शामिल होने आए श्रद्धालुओं को इस बात का थोड़ा भी अंदाजा नहीं था कि वो यहां से वापस घर नहीं जा सकेंगे। पुलिस ने हादसे के बाद गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है।

सीएम ने किया मुआवजे का एलान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि बावड़ी पर अधिक बोझ होने के कारण वह धंस गई। उन्होंने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 50-50 हजार की सहायता राशि प्रदान करने का एलान सीएम ने किया है। सीएम शिवराज ने कहा कि तमाम कोशिशों के बाद भी कई लोगों को बचाया नहीं जा सका।
40 साल पुराना था बावड़ी के ऊपर का स्लैब
मंदिर की बावड़ी में डाला गया स्लैब 40 साल पुराना था। हवन और आरती के बाद ठीक बावड़ी के ऊपर आरती लेने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट गई थी, जिसके चलते पुराना स्लैब ढह गया। सभी लोग 50 से 60 फीट गहरी बावड़ी में जा गिरे।
रेस्क्यू कर रहे आर्मी जवानों की आंखें भी हुई नम
कहा जाता है सबसे छोटे शवों का बोझ सबसे भारी होता है। इंदौर हादसे में यह बात सच होती नजर आई। इस हादसे में बड़ों के साथ आए कई बच्चों की भी दर्दनाक मौत हो गई। रेस्क्यू करते समय छोटे-छोटे बच्चों के शव का रेस्क्यू करते हुए आर्मी के जवान भी खुद को नहीं रोक पाए और लोगों के साथ उनकी भी आंखों में आंसू आ गए।
एक साथ हुआ अंतिम संस्कार
इस दर्दनाक हादसे में गुजराती समाज के 11 लोगों की जान चली गई थी। एक साथ जब 11 लोगों के शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे, तो वहां मौजूद लोगों के दिल दहल गए। एक साथ इन चिताओं को जलते देख सबका दिल पसीज गया। बड़ी संख्या में लोगों ने अंतिम विदाई दी।
लोगों को बचाते हुए खुद डूब गए सुनील सोलंकी
इंदौर के साइकिलिस्ट सुनील सोलंकी भी हवन में शामिल होने मंदिर पहुंचे थे। हादसे के वक्त वह भी बावड़ी में गिर गए थे लेकिन किसी तरह किनारे पर आ गए थे। उन्होंने बहुत से लोगों को हाथ देकर किनारे पर लाया। लेकिन अफरा-तफरी में किसी ने उन्हें पानी में खींच लिया और डूबने से उनकी मौत हो गई।