प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्तव्य पथ का उद्धाटन कर दिया है। पीएम ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण भी किया। अब से राजपथ, कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा। विजय चौक को इंडिया गेट से जोड़ने वाले करीब 3.20 किमी लंबे राजपथ की पहचान नए रंग-रूप और नाम के साथ अब कर्तव्य पथ के रूप में होगी। इसे अब आम लोगों के लिए खोला जा रहा है। राजपथ पर ही हर साल गणतंत्र दिवस की परेड निकलती है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत इंडिया गेट से लेकर संसद भवन तक का कायाकल्प किया जा रहा है।
राजपथ का इतिहास
आजादी से पहले राजपथ को ‘किंग्स वे’ के नाम से जाना जाता था। आजादी के बाद इसे हिन्दी नाम राजपथ में बदल दिया गया था। स्वतंत्रता के 75 वर्ष अब राजपथ का नाम बदलने के पीछे केंद्र सरकार की यह सोच है कि राजपथ से राजा के विचार की झलक मिलती है, जो शासन करता है, जबकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां जनता सर्वोच्च है।

कर्तव्य पथ में क्या क्या खास
कर्तव्य पथ को पहले के मुकाबले अब ज्यादा खूबसूरत बनाया गया गया है। अब यहां घूमने आने वालों को सुविधाएं भी ज्यादा मिलेंगी। करीब 3 किलोमीटर के इस रास्ते के दोनों तरफ हरियाली के साथ-साथ खूबसूरत फूल होंगे, जो कर्तव्य पथ की सुंदरता को और बढ़ाएंगे। इतना ही नहीं पानी के झरने भी नजर आएंगे।

कर्तव्य पथ में और भी सुविधाएं और खासियत हैं। 19 एकड़ में फैले नहर के इलाके को फिर से तैयार किया गया है। पैदल यात्रियों के लिए इस पर 16 पुल बनाए गए हैं। कृषि भवन और वाणिज्य भवन के पास बोटिंग की सुविधा भी होगी। पार्किंग लॉट में एक हजार से अधिक गाड़ियां खड़ी हो सकेंगी। इसके अलावा इंडिया के पास भी पार्किंग की सुविधा है, जहां 35 बसें खड़ी हो सकेंगी। फूड स्टॉल के साथ दोनों तरफ बैठने का इंतजाम है। 900 से ज्यादा नए लाइट पोल्स भी लगाए गए हैं, साथ ही 74 ऐतिहासिक लाइट पोल्स और चेन लिंक्स को रिस्टोर किया गया है। सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में 3.90 लाख वर्ग मीटर का ग्रीन एरिया है। लोगों के टहलने के लिए करीब 15 किमी लंबा रास्ता तैयार किया गया है जिस पर रेड ग्रेनाइट लगा हुआ है। पूरे इलाके पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाएगी और सुरक्षा कर्मी हर वक्त तैनात रहेंगे।
सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण
कर्तव्य पथ के उद्घाटन के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण किया गया नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उसी जगह लगाई गई है, जहां 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के अवसर पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था। ग्रेनाइट से बनी ये प्रतिमा स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में लगाई गई है।