देवरिया: आज की भागदौड़ से भरी जिंदगी, पेस्टिसाइट्स और फर्टिलाइजर्स से भरे खान-पान के चलते लोगों को असमय ही कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। कम उम्र में हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज और हड्डियों से जुड़ी बीमारियां लोगों को घेरने लगी हैं। इन सबके पीछे सबसे बड़ी वजह है हमारी दिनचर्या और खान-पान। अगर हम छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो ना हमें बीमारियां घेरेंगी और ना ही असमय शारीरिक कमजोरी का शिकार होंगे।
उम्र के हिसाब से हो खानपान
हमारे खानपान से ही हमारे शरीर में जरूरी मिनरल्स और विटामिन्स की पूर्ति होती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं और शरीर की जरूतें भी बदलती हैं। इसलिए हमें अपनी डाइट को एक एज ग्रुप क्रॉस करने के बाद बदलना चाहिए। एज के हिसाब से कुछ चीजों को ऐड करना होगा और कुछ चीजों को अवॉइड करना होगा। यहां हम आपको एज ग्रुप के अनुसार खानपान के पैमाने के बारे में बता रहे हैं। जिन्हें फॉलो करके आप बीमारियों से काफी हद तक दूर रह सकते हैं।
शून्य से 6 साल के बच्चे
यह उम्र बच्चों के तेजी से विकास होने की उम्र होती है। इस उम्र में बच्चों को आंख और स्किन के लिए विटामिन ए की जरूरत होती है जो कि गाजर, गाजर, शकरकंद, हरी सब्जियां जैसे- पालक, पत्ता गोभी और ब्रोकली में मिलता है। इम्यूनिटी डेवलप करने के लिए विटामिन सी की जरूरत होती है जो सभी प्रकार के खट्टे फलों और ब्रोकली से लिया जा सकता है। हड्डियों के अच्छी तरह विकास और मजबूती के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है जिसे धूप में बैठकर, अंडे और मछली से पूरा किया जा सकता है। कभी-कभी डॉक्टर्स जन्म से 1 साल तक रोजाना विटामिन डी सिरप पिलाने की भी सलाह देते हैं। बच्चों को थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार खिलाना चाहिए।

7 से 11 साल के बच्चे
इस उम्र में आते-आते बच्चे फिजिकली एक्टिव होने लगते है इसलिए इन्हें विटामिन ए, डी, जिंक और ओमेगा-3 की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। यह ढेर सारे नए व्यंजनों से रूबरू होने की उम्र होती है। हेल्थ एंड फूड सप्लीमेंट्स इन्फॉर्मेशन सर्विस के डायटीशियन डॉक्टर पॉल स्टिलमैन कहते हैं- बच्चों को दौड़-भाग वाले खेल खेलने दें, लेकिन ज्यादा मीठा और वसा वाली चीजें सावधानी से ही दें। सी फूड और मांस में जिंक की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। इस उम्र में प्रोटीन के अवशोषण के लिए जिंक की ज्यादा जरूरत होती है।

12 से 19 साल के किशोर
12 से 19 साल की उम्र शारीरिक बदलाव की उम्र होती है इसे प्यूबर्टी पीरियड भी कहा जाता है। इस उम्र में लड़कों को कैल्शियम की सही मात्रा की जरूरत होती है ताकि उनकी हड्डियां मजबूत हो वहीं लड़कियों में माहवारी शुरू होने के चलते आयरन की जरूरत होती है। किशोर अवस्था में जंक फूड से बचना चाहिए साथ ही ऐसा भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए जिसमें विटामिन बी और बी-12 हो।

20 से 29 साल के टीनएजर्स
इस उम्र तक आते-आते शारीरिक गतिवीधियां बढ़ जाती हैं, जिसके चलते हड्डियों को मजबूती की आवश्यकता होती है। इस एज में विटामिन डी, कैल्शियम और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा लेनी चाहिए। साथ ही ताजी हरी पत्तेदार सब्जियां, डेयरी प्रोडक्ट और काजू को भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए। इस उम्र में पढ़ाई या करियर को लेकर तनाव भी होता है इसलिए अपने मानसिक स्वास्थ को अच्छा रखने के लिए विटामिन बी और मैग्निशियम के इनटेक का भी खास ध्यान रखाना चाहिए।

30 से 39 साल के युवा
इस उम्र में पहुंचते पहुंचते हमें अपने कैलोरी इनटेक को कट करना चाहिए क्योंकि अब हमारा शरीर कैलोरी को जल्दी ब्रेक नहीं कर पाता है, जिससे वजन बढ़ने की समस्या होने लगती है। इस एज में पॉलीपेथनॉल्स, पोटैशियम, ओमेगा-3 और विटामिन बी 5 की जरूरत होती है। गर्भधारण करने वाली महिलाओं को फोलेट, कोलाइन, आयोडिन, विटामिन डी, प्रोटीन और फाइबर की जरूरत होती है। पॉलीपेथनॉल्स को फलों को खाने में शामिल करके लिया जा सकता है और जिंक के लिए अंडे, बादाम, सीफूड, बीज, साबुत अनाज खाएं।

40 से 59 साल की उम्र
40 की उम्र में पहुंचते पहुंचते हमारा मेटाबॉलिज्म कमजोर पड़ने लगता है जिससे वजन भी बढ़ने लगता है। इस उम्र में मैगनिशियम, विटामिन डी और बी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इन्हें पूरा करने के लिए मिक्स आनाजों की रोटियां, सब्जी, चने और चिकन को अपने खाने में शामिल करना चाहिए। महिलाओं में यह उम्र मोनोपॉज की होती है जिसके चलते आरयन की कमी और चिड़चिड़ेपन की शिकायत होती है, इन्हे कंट्रोल करने के लिए विटामिन बी जरूर लेना चाहिए। साथ ही बढ़ती उम्र में हड्डियों को मजबूत रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी के इनटेक का भी ध्यान रखना होगा।

60 और 60 से ज्यादा के बुजुर्ग
60 साल के बाद शरीर कमजोर होने लगता है। इस उम्र में ओमेगा-3, विटामिन डी, ए और सी की जरूरत होती है। सलाद इस उम्र में सबसे महत्वपूर्ण आहार माना जाता है। हरी पत्तेदार सब्जियां और फाइबर वाली सब्जियां इस उम्र में फायदेमंद है साथ ही हर प्रकार के पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा लेना भी जरूरी है।
बताई गई किसी भी डाइट को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या अच्छे डाइटीशियन से सलाह जरूर लें।