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JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का निधन, 75 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

देवरिया । जदयू के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार को निधन हो गया। उनकी बेटी ने इस बात की पुष्टि की है। शरद यादव फिलहाल राजद में थे। 75 साल के राजद नेता की तबीयत पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं थी। गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में उनका निधन हुआ है। उनका पार्थिव शरीर एंबुलेंस में अस्पताल से रवाना हो गया है। आज दिनभर पार्थिव शरीर छतरपुर में स्थित 5 वेस्टर्न (डीएलएफ) आवास पर दर्शन के लिए रखा जाएगा।

बिहार की राजनीति में अपनी अलग पहचान रखने वाले शरद यादव का जाना सभी को दुखी कर गया है। उनकी समाजवाद वाली राजनीति ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया था। लेकिन अब उस महान नेता ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है।

शरद यादव की बेटी सुभाषिनी शरद यादव ने ट्विटर पर इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा, ‘पापा नहीं रहे।’ फोर्टिस अस्पताल ने जारी बयान में कहा है कि शरद यादव को बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था। उनमें कोई पल्स नहीं थी। प्रोटोकॉल के तहत उन्हें CPR दिया गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। रात 10.19 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं।

शरद यादव की राजनीति यात्रा

शरद यादव ने 1999 और 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विभिन्न विभागों में मंत्री रहे थे। 2003 में शरद यादव जनता दल यूनाइटेड जद (यू) के अध्यक्ष बने। आज की तारीख में पिछले कई सालों से यह पार्टी बिहार की सत्ता में है। नीतीश कुमार और शरद यादव की जोड़ी एक समय में बिहार की हिट राजनीतिक जोड़ी थी।

कभी लालू प्रसाद यादव को हराया था

शरद यादव आज भले ही लालू यादव की पार्टी राजद के साथ थे, लेकिन एक समय में वह लालू यादव के धुर विरोधी थे। लालू यादव को सत्ता से उखाड़ फेंकने में इनका बड़ा हाथ माना जाता है। लालू यादव को ये एक बार उनके गढ़ मधेपुरा से हरा चुके हैं। हालांकि नीतीश से मनमुटाव होने के बाद इन्होंने अलग पार्टी बनाई और फिर लालू की पार्टी में अपनी पार्टी का विलय करा दिया था।

छात्र जीवन से राजनीति शुरू

शरद यादव ने छात्र जीवन से राजनीति शुरू की। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में राजनीति की। पहली बार 1974 में मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। फिर 1977 में इसी सीट से दोबार चुने गए। उस वक्त वह युवा जनता दल के अध्यक्ष थे। 1989 में यूपी की बदाऊं लोकसभा सीट से तीसरी बार संसद पहुंचे। लेकिन उनकी पहचान बिहार की राजनीति से रही। 1991 से 2014 तक शरद यादव बिहार की मधेपुरा सीट से सांसद रहे। उनका जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में किसान परिवार में हुआ था।

तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर जताया शोक

शरद यादव के निधन पर बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने शोक जताते हुए लिखा- ‘मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूं। कुछ कह पाने में असमर्थ हूं। माता जी और भाई शांतनु से वार्ता हुई। दुःख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है।’

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