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छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल इलाके अबूझमाड़ के बच्चों ने किया कमाल, विश्व मल्लखंभ चैंपियनशिप में देश के लिए जीता 3 गोल्ड

देवरिया। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले का अबूझमाड़, जो छत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा और घने जंगलों वाला इलाका है। साथ ही छत्तीसगढ़ के घोर नक्सली इलाकों में से भी एक है। जिन इलाकों से सिर्फ गोलियों की आवाजें सुनाई देती थी आज वहां के खिलाड़ियों ने विश्व मल्लखंब चैम्पियनशिप में पूरे विश्व में देश का नाम रोशन किया है। इतने पिछले इलाकों से होने के बाद भी यह उपलब्धि हासिल कर उन्होंने एक मिसाल पेश की है।

भूटान में हुई विश्व मल्लखंब चैंम्पियनशिप
9 से 12 मई को भूटान में आयोजित की गई वर्ल्ड मल्लखंभ चैंपियनशिप में अबूझमाढ़ के 3 खिलाड़ियों संतोष सोरी, सन्ताय पोटाई और जयंति कचलाम ने भारत की राष्ट्रीय टीम की ओर से भाग लिया। तीनों ने ही बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दुनिया भर से आए मल्लखंभ खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।

चैंपियनशिप में बड़े देशों को पछाड़ा
मल्लखंब चैंपियनशिप में अमेरिका, जापान, ब्राजील, साउथ अफ्रिका, बहारिन और भारत समेत कई देशों के करीब 200 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। जापन, अमेरिका जहां कड़ी ट्रेनिंग और कई आधुनिक साधन होते हैं, वहां के खिलाड़ियों को भी पछाड़ना अबूझमाड़ के खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। ‘अबूझमाड़’ जिसे बूझा ना जा सके, आज भी मुख्यधारा से अलग इलाका है जहां आदिवासी संस्कृति और सभ्यता पर ही आदिवासी लोग अपना जीवन बिताते हैं। ऐसी जगह से निकलकर विश्वपटल पर अपना, अपने इलाके और देश का नाम रोशन कर इन्होंने साबित कर दिया की प्रतिभा किसी सुविधा या साधन की मोहताज नहीं होती।

खिलाड़ियों ने राज्य और देश का मान बढ़ाया: भूपेश बघेल

राज्य के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर खिलाड़ियों को बधाई दी और कहा- ‘अबूझमाड़ के खिलाड़ियों ने वर्ल्ड मल्लखंब चैम्पियनशिप में अपनी प्रतिभा की चमक बिखेरते हुए अपने कौशल और हुनर से सभी का दिल जीता और स्वर्ण पदक जीतकर विश्व पटल पर भारत और छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया। उन्होंने इन खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना की है।’

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