देवरिया। छत्तीसगढ़ के बड़े और वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने भारतीय जनता पार्टी का दामन छोकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस जहां जीत दुहराना चाहती हैं, वहीं बीजेपी फिर से सत्ता हासिल करना चाहती है। इस बीच साय जैसे बड़े नेता का पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होना छत्तीसगढ़ बीजेपी को महंगा पड़ सकता है।
सीएम भूपेश बघेल ने दिलाई सदस्यता
बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद नंद कुमार साय, सोमवार को ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय, राजीव भवन में साय को खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। साय के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा- “जुड़ा हाथ से हाथ, मिला आपका साथ, भरोसे के साथ। जारी है, आदिवासी हित की बात स्वागत एवं अभिनंदन डॉ नंद कुमार साय जी। हाथ से हाथ जोड़ो…जारी है।”
रमन सिंह ने दी शुभकामनाएं
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि नंदकुमार साय जी एक वरिष्ठ नेता हैं, भाजपा ने हमेशा उनका सम्मान किया। पार्टी में रहते हुए उन्होंने विधायक, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष से लेकर 3 बार लोकसभा, 2 बार राज्यसभा सदस्य समेत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष जैसा पदभार संभाला। आज इस सारे सम्मान के बाद संघर्ष के समय में उनका कांग्रेस प्रवेश समझ से परे है। रमन सिंह ने साय को नए सफर के लिए शुभकामनाएं दी हैं।

साय ने इस्तीफे में क्या लिखा?
नंदकुमार साय ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव को अपना इस्तीफा भेजकर स्वीकार करने का अनुरोध किया। साय का इस्तीफा वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने लिखा है- “भारतीय जनता पार्टी द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण पदों एवं उत्तरदायित्व की जितनी भी जिम्मेदारी मुझे दी गई, उसे पूरे समर्पण एवं कर्तव्य परायणता के साथ मैंने निभाया। पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारियां दी उसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं। परंतु पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी में मेरी छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है, मुझ पर झूठे आरोप लगाकर और अन्य गतिविधियों के माध्यम से मेरी गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है, जिससे मैं अत्यंत आहत महसूस कर रहा हूं। इसलिए बहुत गहराई से विचार करने के पश्चात मैं भारतीय जनता पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता एवं अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। अत: मेरा इस्तीफा स्वीकार करने की कृपा करें”
छग बीजेपी के बड़े नेताओं में एक, संभाला कई अहम पद
नंद कुमार साय छत्तीसगढ़ बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक माने गए हैं। उन्होंने 4 दशकों से ज्यादा बीजेपी पार्टी के साथ काम किया है। 1977 में वो अविभाजित मध्य प्रदेश में पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए थे। साय छत्तीसगढ़ बनने से पहले 3 बार विधायक, 3 बार लोकसभा सांसद, 2 बार राज्यसभा सांसद रहे चुके हैं। 2017 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने थे। इसके साथ ही उन्होंने मध्यप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष का पद भी संभाला है। छत्तीसगढ़ के गठन के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई थी। वर्तमान में वो बीजेपी में संगठन महामंत्री का पद संभाल रहे थे।
साय के इस्तीफे से बीजेपी को कितना नुकसान
नंद कुमार साय आदिवासी नेता हैं। छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है। विधानसभा चुनावों में ज्यादा समय शेष नहीं है। ऐसे समय में कांग्रेस को एक ऐसा नेता मिला है जो आदिवासी वोट का लाभ दिला सकता है। इसके विपरित बीजेपी को इसी बात का नुकसान झेलना पड़ सकता है। सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट में ‘आदिवासी विरोधी बीजेपी’ का नारा भी दिया है। छत्तीसगढ़ में वापस काबिज होने के लिए प्रयासरत बीजेपी के लिए यह एक बड़ा नुकसान साबित हो सकता है।