देवरिया। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के केस में जेल में बंद सभी दोषियों की रिहा करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हत्याकांड के दोषी नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस को रिहा करने के आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल ने लंबे समय से इस पर कदम नहीं उठाया, तो हम उठा रहे हैं।
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ऐतराज जताया है। पार्टी ने इस निर्णय को पूरी तरह से अस्वीकार्य और गलत बताया है।
पेरारिवलन को पहले मिल चुकी है रिहाई
पेरारिवलन को पहले ही इस मामले में रिहाई मिल चुकी है। तीन दशक से जेल में बंद पेरारिवलन की रिहाई के लिए तमिलनाडु सरकार ने राज्पाल से 2018 में सिफारिश की थी लेकिन यह मामला यह स्पष्ट नहीं था कि रिहाई फैसला कौन लेगा राज्पाल या राष्ट्रपति। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत अधिकारों का इस्तेमाल कर पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया था। जेल में सजा काटने के दौरान और पैरोल के वक्त पेरारिवलन के व्यवहार और पढ़ने के प्रति लगन से उच्चतम न्यायालय प्रभावित हुआ था।
31 साल पहले हुई थी राजीव गांधी की हत्या
21 मई 1991 को यानी 31 साल पहले तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में चुनावी रैली के दौरान एक महिला ने आत्मघाती हमले में खुद को उड़ा लिया था। इस हमले में राजीव गांधी भी का भी निधन हो गया था।