देवरिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड हाईकोर्ट ने नवनिर्मित भवन का उद्घाटन के दौरान न्याय व्यवस्था और देर से इंसाफ मिलने पर ऐसी बातें कहीं जो चर्चा का विषय बन गई हैं। उन्होंने न्याय में देरी और खर्च पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के सामने अपनी बात रखी।
राष्ट्रपति ने कहा-‘कई बार न्याय मिलकर भी नहीं मिलता’
अपने भाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि- “कई केस हाईकोर्ट में फाइनल होते हैं, कई सुप्रीम कोर्ट में। फैसले जब आते हैं तब लोग खुश होते हैं। समय लगा लेकिन न्याय मिल गया लेकिन कुछ दिनों बाद उहें महसूस होता है कि न्याय अभी मिला नहीं। ना जाने कितना रुपया, कितना जीवन का समय बर्बाद किया। जज भी मानते हैं कि ऐसे केस हैं, लोग दोबारा केस करने से डरते हैं। इतनी लंबी लड़ाई के लिए लोग तैयार नहीं होते। आप सभी जज बैठे हैं, मुझे पता नहीं कि इसका रास्ता है कि नहीं, पर मुझे लगता है लोगों को सही मायने में न्याय मिलना चाहिए, इसका रास्ता जरूर होगा। नियम हम बनाते हैं, नहीं है तो नियम बनाना चाहिए। बहुत सारे लोग मेरे पास आते हैं। अभी भी मेरे पास बहुत लोगों की सूची है जिन्हें न्याय नहीं मिला।”
हिंदी में भाषण देने पर CJI की तारीफ की
हिंदी में भाषण देने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की तारीफ करते हुए कहा-
“मैं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने हिंदी में भाषण दिया। मुझे लगता है इसका लाभ मिलेगा। उन्हें देखकर हाईकोर्ट के जज भी प्रभावित होंगे। सुप्रीमकोर्ट ने यह शुरुआत की है कि कई भाषाओं में काम शुरू किया है। झारखंड में यह जरूरी है। अंग्रेजी के अलावा यहां के लोग दूसरी भाषाओं में सहज हैं।”