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अदानी-हिंडनबर्ग मामले में जांच कमेटी बनाने के लिए केंद्र तैयार, सुप्रीम कोर्ट को भेजेगा एक्सपर्ट के नाम

देवरिया । अदानी-हिंडनबर्ग मामले में एक बार फिर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर इस मामले में कोर्ट में जांच कमेटी गठित करना चाहता है तो हमें (सरकार) कोई आपत्ति नहीं है। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की। अडानी ग्रुप की कंपनियों पर हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के कहने पर सरकार भी जांच के लिए विशेषज्ञ कमेटी के गठन को राजी हो गई है।

सरकार कमेटी के सदस्यों के नाम बुधवार तक कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सौंपेगी। अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। इस दौरान सरकार इस मामले पर अपनी दलीलों की सूचीबद्ध सारणी याचिकाकर्ताओं को भी देंगे। सरकार ने कोर्ट से दस्तावेजों की गोपनीयता बनाए रखने को कहा है।

कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि कमेटी के लिए प्रस्तावित नामों की सूची सीलबंद लिफाफे में जमा कर दी जाए। सरकार अन्य दलीलें भी याचिकाकर्ताओं को मुहैया कराए। सरकार ने सहमति जताई कि इस मामले की जांच के लिए संबंधित विषयों की विशेषज्ञ कमेटी गठित करने पर उसे कोई ऐतराज नहीं है। इस पर कोर्ट ने उनसे कमेटी सदस्यों के नाम का प्रस्ताव भेजने को कहा है। हालांकि दलीलों की प्रति याचिका कर्ताओं को सौंपने के मुद्दे पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि नोट की गोपनीयता बरकरार रहनी चाहिए।

कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी पर भी सरकार को आपत्ति नहीं

अडानी पर हिंडनबर्ग कमेटी पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सेबी और दूसरी नियामक संस्थाए इस तरह के हालात से निपटने में पूरी तरह समर्थ और सक्षम हैं, लेकिन कोर्ट अगर अपनी ओर से कोई कमेटी का गठन करता है तो भी सरकार को ऐतराज नहीं है। कोर्ट ने तुषार मेहता से कहा कि बुधवार तक सरकार बताए कि कमेटी में कौन-कौन शामिल हो सकते हैं। फिलहाल, शुक्रवार तक सुनवाई टल गई है।

केंद्र सरकार कमेटी के गठन को तैयार हो गई है। ये कमेटी सुझाव देगी कि मौजूदा नियामक व्यवस्था को कैसे बेहतर बनाया जाए। साथ ही निवेशकों के हितों को कैसे सुरक्षित रखा जाए।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच कराने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में वकील विशाल तिवारी और वकील एमएल शर्मा ने याचिका दायर कर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच कराए जाने की मांग की है। याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने कहा कि यह मामला राष्ट्र की साख से जुड़ा है। ऐसे में हिंडनबर्ग ग्रुप के खिलाफ जांच की जाए। याचिका में शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता वाली एक कमेटी बनाने की मांग रखी है। इसके साथ ही अडानी-हिंडनबर्ग विवाद में शॉर्ट सेलिंग की ‘साजिश’ का भी आरोप लगाया है।

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