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भोलेनाथ को बेहद पसंद हैं ये वस्तुएं, देते हैं मनचाहा आशीर्वाद, ये अर्पित करने से बचें

देवरिया।शिव और महादेव भक्तों का प्रिय सावन शुरू हो गया है। इस बार दो सावन भोलेनाथ के भक्तों के लिए बेहद खास है। भगवान शिव को खुश करना बहुत आसान माना जाता है, इसीलिए उन्हें भोलेनाथ भी पुकारा जाता है। लेकिन पूजा से संबंधित कुछ चीजें महादेवपर अर्पित करना वर्जित होता है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि शंकर जी को कौन-कौन सी पूजन सामग्री प्रिय है और कौन सी सामग्री उन्हें नहीं चढ़ानी चाहिए।

शिवलिंग पर तुलसी चढ़ाना है वर्जित
शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते या मंजरी चढ़ाना वर्जित होता है। भगवान शिव के भोग में भी तुलसी दल नहीं डाला जाता है।
शंख का इस्तेमाल कभी ना करें
सावन के महीने में शिवजी का अभिषेक विशेष फलदायी होता है। अभिषेक में भी कुछ बातों का खास ध्यान रखा जाना चाहिए। कभी भी शंख से शिवजी का अभिषेक ना करें। इसका कारण है शिवजी के द्वारा राक्षस शंकचूड़ का वध। शंखचूड़ एक अत्याचारी असुर था शिवजी ने उसका वधकर उसके पापों का अंत किया था। यही कारण है कि शिवजी के अभिषेक में शंख का इस्तेमाल करना मना है।

इन फूलों की भी है मनाही
माना जाता है कि शिव शंकर में किसी भी प्रकार का लाल फूल चढ़ाना मना है। इसके साथ ही चंपा, केवड़ा और केतकी को भी वर्जित माना गया है। वहीं धतूरे का फूल और फल दोनों प्रिय हैं साथ ही हर तरह का सफेद फूल भी शंकर जी को चढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही लाल सिंदूर, रोली और सुहाग का कोई भी सामान शिवजी को अर्पित किया जाता है।

इस सामाग्रियों से प्रसन्न होंगे शिवजी-
शंकर जी को इन सामग्रियों से करें प्रसन्न
* भगवान शिव को सफेद फूल, सफेद सामग्रियां, सुगंधित चीजें पसंद हैं।
* शंकर जी को धतूरा भी चढ़ाया जाता है। इसके पीछे धार्मिक मान्यता है कि जब शिवजी ने हलाहल विष पिया था तब अश्विनी कुमारों ने भांग, धतूरा, बेल की पत्तियों से ही औषधि बनाकर उनकी व्याकुलता को शांत किया था।यही कारण है कि भगवान को बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित किया जाता है।
* इसके साथ ही कच्चा दूध, दही, शहद, सुगंधित धूप, इत्र, गन्ने का रस, चंदन, घी, अष्टगंध, भांग भी भोलनाथ को बेहद प्रिय है।
* अगर आपके पास कुछ भी नहीं है तो साफ शुद्ध पानी भाव से अर्पित करने पर भी भोलेनाथ कृपा करते हैं।



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