देवरिया । सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं की तरफ से कामरेड विशंभर ओझा की द्वितीय पुण्यतिथि स्मरण दिवस पर मुसैला चौराहे पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दिया।
इस अवसर पर पूर्व सांसद आस मोहम्मद ने कहा कि विश्वंभर जी ब्राम्हण जाति में पैदा होने के बाद भी जातीय पूर्वाग्रह से पूरी तरह मुक्त थे। हिंदू मुस्लिम एकता के प्रबल पक्षधर थे और किसानों मजदूरों गरीबों के हक में लड़ाई लड़ने वाले योद्धा थे। असमय उनका जाना हमारे दिल में कांटे की तरह कसकता रहता है।
डॉक्टर चतुरानन ओझा ने कहा कि कोरोना के नाम पर पैदा किए गए भय के वातावरण, जिला पंचायत चुनाव और जिला चिकित्सालय में वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं होने के चलते विशंभर जी की जान नहीं बच सकी। उस दौरान तमाम लोग राज्य प्रायोजित अराजकता के शिकार हुए जिसके शिकार विशंभर जी भी हो गए।
सामाजिक कार्यकर्ता बृजेश आजाद ने कहा कि आज की जातिवादी सांप्रदायिक राजनीति को खत्म करना और समतामूलक समाज की स्थापना करने के अभियान को तेज करके ही हम विशंभर ओझा को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। दीपक दीक्षित ने उनके पसंद के चुने हुए गीत भी प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर पत्रकार अजय राय, दीपक दीक्षित, चक्रपाणि ओझा, दिव्यांग एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह राजेश मणि त्रिपाठी, शैलेश, सत्येंद्र मणि, सर्वेश्वर, संजय गुप्ता ,चंद्रकेतु ,शिक्षक रामचंद्र ओझा, प्रदीप कुमार ,सतीश, राजेश कुमार, विकास कुमार,संत कुमार कुशवाहा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।