देवरिया। शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान का मंगलवार को कोलकाता के एक अस्पताल में निधन हो गया। राशिद खान पिछले कुछ समय से प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे। दिसंबर में उनकी सेहत ज्यादा बिगड़ने की खबरें मिली थी। 23 दिसंबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था। कुछ समय से डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था। शुरुआती इलाज मुंबई के टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में होने के बाद वो कोलकाता आ गए थे और यहीं एक अस्पताल में इलाज करवा रहे थे।
उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्मे थे राशिद अली
उस्ताद राशिद अली खान उत्तर प्रदेश से भी ताल्लुक रखते थे। बदायूं उस्ताद का जन्म स्थान है। बचपन से ही उन्हें संगीत में रुचि थी, उन्होंने 11 साल की छोटी उम्र से ही प्रस्तुति देनी शुरू कर दी थी। उन्होंने अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान से तालीम ली थी। वे रामपुर-सहसवान घराने के गायक थे। उन्होंने फिल्मों में भी अपनी आवाज दी। राशिद खान अपने नाना की तरह विलंबित ख्यालों में गाते थे। वे उस्ताद अमीर खां और पंडित भीमसेन जोशी की गायकी से भी प्रभावित थे।
जब वी मेट का गाना हुआ था
उस्ताद राशिद अली खान का गाया, फिल्म ‘जब वी मेट’ का गाना ‘आओगे जब तुम ओ साजना’ उस समय काफी लोकप्रिय हुआ था। यह खाना उस्ताद के गायन के अपने तरीके को दिखाता है। इसके साथ ही उन्होंने फिल्म माई नेम इज खान और राज-3 में भी यादगार नग्मे दिए। अपनी दमदार आवाज से कई मास्टरपीस देने वाले उस्ताद राशिद अली खान को पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।