देवरिया। मध्य प्रदेश को तीन महीने में दूसरा टाइगर रिजर्व मिला है। शिवपुरी जिले में स्थित माधव नेशनल पार्क अब राज्य का 9वां टाइगर रिजर्व बन गया है। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बारे में शुक्रवार को कहा कि मध्य प्रदेश वन्य जीव पर्यटन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। चम्बल क्षेत्र और उसके आसपास के इलाके अब पर्यटन के लिए एक नई पहचान बनाने जा रहे हैं, जहां एशिया का पहला चीता प्रोजेक्ट लागू किया गया है और चीतों की दूसरी पीढ़ी भी जन्म ले चुकी है। इसके अलावा, घड़ियाल प्रोजेक्ट भी जारी है, जिससे इस क्षेत्र का महत्व और बढ़ गया है।
माधव नेशनल पार्क में बाघों की संख्या में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि माधव टाइगर रिजर्व के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। माधव नेशनल पार्क, जो 1956 में स्थापित हुआ था, अब प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व बनेगा। दो साल पहले, यहां दो मादा बाघ और एक नर बाघ छोड़े गए थे। मादा बाघ ने दो शावकों को जन्म भी दिया है। अब, दो और बाघ यहां छोड़े जाएंगे, जिससे माधव नेशनल पार्क में बाघों की संख्या बढ़कर 7 हो जाएगी। यह प्राकृतिक ब्रीडिंग को बढ़ावा देगा और बाघों की संख्या में वृद्धि होगी।
पर्यटकों के लिए नया आकर्षण बनेगा माधव टाइगर रिजर्व
माधव टाइगर रिजर्व, शिवपुरी शहर के पास स्थित होने के कारण पर्यटकों के लिए बहुत सुविधाजनक स्थान बन जाएगा। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीते और माधव नेशनल पार्क में बाघ होने से पर्यटकों को एक ही क्षेत्र में दो बड़े वन्य जीव देखने का अवसर मिलेगा। इस पार्क में बाघों के अलावा तेंदुआ, भेड़िया, सियार, साही, अजगर, चिंकारा जैसे अन्य वन्य जीव भी पाए जाते हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।