देवरिया। इस साल, यानी 2025 में 15 अगस्त को देश अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इस मौके पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले ‘एट होम’ कार्यक्रम के लिए अतिथियों को भेजे जाने वाला निमंत्रण पत्र काफी खास तरह से तैयार किया गया है। इस निमंत्रण पत्र को बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड की हस्त शिल्फ कला से बनाया गया है। इस तरह के 450 निमंत्रण पत्र तैयार किए गए हैं। आइए जानते हैं क्यों इतना खास है ये निमंत्रण पत्र।
क्यों खास है ये निमंत्रण पत्र
यह निमंत्रण पत्र साधारण निमंत्रण पत्र नहीं है बल्की एक बांस के फ्रेम पर बनाया गया है। यह अतिथियों के लिए स्मृति चिन्ह की तरह काम आएगा क्योंकी इसे बाद में भी एक फोटो फ्रेम की तरह उपयोग में लाया जा सकता है। इस निमंत्रण पत्र में उपयोग हुए हर कला और पैटर्न का अपना अर्थ और महत्व है। निमंत्रण पत्र में सिक्की खास से बना एक बक्सा, बक्से के अंदर बांस का फ्रेम, चार तरह की चित्रकलाएं, कार्यक्रम की जानकारी देता हुआ एक कार्ड और एक छोटा बुकलेट भी है जिसमें निमंत्रण पत्र में उपयोग कलाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
4 राज्यों की हस्त शिल्प की मिलेगी झलक
यह निमंत्रण पत्र देश के चार पूर्वी राज्यों की हस्त शिल्फ कला को मिलाकर बनाया गया गया है। बिहार की सिक्की घास कला से बक्सा बनाया गया है और झारखंड की बांस कला से फोटो फ्रेम बनाया गया है। इसके साथ ही इसमें बिहार की मधुबनी और टिकुली चित्र कला, पश्चिम बंगाल की पट्टचित्र कला, ओडिशा की तालपत्र चित्र कला और झारखंड की पैटकर चित्रकला से बनी पेंटिंग्स को भी शामिल किया गया है। निमंत्रण पत्र एक दरवाजे की तरह खुलता है जो हमेशा अतिथियों को आमंत्रित करने और उनके भव्य स्वागत करने की राष्ट्रपति भवन की भावना को दर्शाता है।
अहमदाबाद के NID में तैयार हुआ निमंत्रण
यह खास निमंत्रण अहमदाबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID) में तैयार किया गया है। इसे तैयार करने में 100 से ज्यादा कारिगरों ने काम किया है जिसमें ज्यादातर हस्त शिल्फ जानने वाली महिलाएं शामिल हैं। इसके लिए 9 मधुबनी कलाकारों, झारखंड से 15 बांस कारीगरों से संस्थान में काम लिया गया वहीं कई कलाकारों को उनके गांव में ही काम दिया गया था। यह निमंत्रण भारत की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता के संगम को प्रस्तुत करता है।