देवरिया। 21 जून को हर साल हम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाते हैं। सिर्फ भारत ही नहीं बल्की पूरा विश्व इस दिन को सेलिब्रेट करता है। योग एक ऐसी साधना है जो सिर्फ शरीर को ही नहीं बल्की मन को भी स्वस्थ्य और प्रफुल्लित रखती है। योग भारत की देन है लेकिन आज इसे विदेशों में भी लोग तेजी से अपना रहे हैं। कसरत और वर्जिश से जहां शारीरिक मजबूती और स्वास्थ लाभ होता है वहीं योग भागदौड़ और चिंताओं से भरे जीवन में स्वस्थ शरीर देने के साथ ही स्वस्थ और प्रसन्न मन भी देता है। आज योग दिवस पर हम एक ऐसी फ्रांसिसी महिला चर्लोट चोपिन के बारे मे जानेंगे जिन्होंने 50 साल की उम्र में योग को अपनाया और 101 साल में इस क्षेत्र में भारत की ओर से पद्मश्री से सम्मानि हुईं।
चर्लोट ने कैसी ही योग की शुरुआत
चर्लोट चोपिन ने योग की शुरुआत आज से 50 साल पहले की थी जब वो खुद 50 साल की हो चुकी थीं। जिस उम्र में लोग खुद को कमजोर महसूस करने लगते हैं और कई प्रकार की समस्याओं का शिकार हो चुके होते हैं उस उम्र में चर्लोट ने अपने दोस्तों की सलहा पर योग की शुरुआत की थी। उसके बाद उन्होंने कभी योग करना नहीं छोड़ा। फ्रांस में आज चर्लोट प्रसिद्ध योग शिक्षिका हैं । 101 साल की उम्र में भी योग के प्रति उनका समर्पण और लगाव काबिले तारीफ है। चर्लोट 101 साल की होने के बाद भी स्वस्थ होने का पूरा श्रेय योग को देती हैं।

चर्लोट से मिलकर काफी प्रभावित हुए थे पीएम मोदी
पीएम मोदी जुलाई 2023 में फ्रांस के दौरे पर थे। उस दौरान उन्होंने चर्लोट चोपिन से मुलाकात की थी और योगी पर काफी लंबी बात भी की थी। बातचीत के दौरान चर्लोट ने योगी से जुड़े अपने सफर के बारे में पीएम मोदी से विस्तार से बात की थी। पीएम मोदी चर्लोट से काफी प्रभावित हुए थे उन्होंने कहा था कि- “पीएम मोदी ने कहा कि पेरिस में मुझे उल्लेखनीय चार्लोट चोपिन से मिलने का अवसर मिला। उन्होंने 50 साल की उम्र में योगाभ्यास करना शुरू किया था। वह जल्द ही सौ साल की होने वाली हैं लेकिन और फिटनेस के प्रति उनका जुनून पिछले कुछ वर्षों में बढ़ता ही गया है।” भारत लौटने के बाद पीएम मोदी ने चर्लोट का जिक्र मन की बात के एक एपिसोड में भी किया था।
भारत सरकार ने किया पद्मश्री से सम्मानित
चर्लोट की योगी के प्रति लगन और उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने चर्लोट को भारत के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री 2024 से सम्मानित किया। राष्ट्रपित भवन में आयोजित पद्म सम्मान समारोह मे चर्लोट ने भारतीय परिधान को अपनाते हुए हरे रंग की खूबसूरत साड़ी पहनी हुई थी और हाथों में चूड़ियां पहनी थी। चर्लोट का यह व्यवहार योग के साथ भारत की संस्कृति के प्रति उनका प्रेम दिखाता है। चर्लोट ने फ्रांस में योग को एक मशहूर फिटनेस अभ्यास बना दिया है। अपनी उम्र और शरीर के लचीलेपन के लिए वो योग को ही श्रेय देती हैं। आपको बता दें चर्लोट फ्रांस के मशहूर टीवी शो “फ्रांस गॉट टैलेंट” में भी अपने योगी का प्रदर्शन कर चुकी हैं।