देवरिया। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ 2025 का आगाज प्रयागराज की पावन भूमि पर हो चुका है। पौष पूर्णिमा को कुंभ का शुभ शुभारंभ हुआ और अगले ही दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान हुआ। पहले ही दिन देश और विदेश से 1.5 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। इतनी बड़े जन सैलाब को संभालना उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक बड़ा चैलेंज है। लेकिन यूपी पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने हर तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम (Floting Police Station) किए हैं। कुंभ में जल, जमीन और आकाश तीनों जगहों से कड़ी निगरानी की जा रही है।
गंगा में तैनात, फ्लोटिंग पुलिस चौकी
संगम किनारे (Floting Police Station)पुलिस चौकी, पूछताछ केंद्र और खोया-पाया केंद्र बनाए गए हैं तो आकाश से 100 से ज्यादा ड्रोन कुंभ की निगरानी कर रहे हैं। वहीं संगम पर भी तैरती हुई पुलिस चौकी बनाई गई है। आपने शायद पहले कभी भी तैरती हुई पुलिस चौकी नहीं देखी होगी। लेकिन यहां जल से भी पूरी तरह चौकन्ना रहने के लिए स्थानीय प्रशासन ने अनोखी पुलिस चौकी तैयार की है। इस पुलिस चौकी में वो सभी सुविधाएं दी गई है जो एक सामान्य चौकी में होती है। किसी भी आपात स्थिति में यहां से तत्काल मदद मिल पाएगी। पानी के बीचो बीच तैरती हुई इस चौकी को “जल पुलिस” (Floting Police Station)नाम दिया गया है।
क्यों बनाया गया Floting Police Station ?
कुंभ के दौरान मेला क्षेत्र काफी बड़ी जगह पर फैला होता है। संगम के किनारे कई वर्गफीट का क्षेत्रफल संतो के शिविरों से घिरा होता है। ऐसे में जल मार्ग से जाने वाले श्रद्धालु अगर किसी मुसीबित में फंसते हैं तो भीड़ की वजह से उन तक मदद पहुंचने में काफी समय लग सकता है। वहीं जल पुलिस (Floting Police Station)की मदद से ऐसी स्थिति में नदी और नदी के किनारे घाटों में भी श्रद्धालुओ को तुरंत मदद मिल जाएगी।
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