देवरिया । दिल्ली एनसीआर में मंगलवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 6.6 मापी गई। जानकारी के अनुसार इस भूकंप का केन्द्र अफगानिस्तान के कलाफगन से 90 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है। झटके इतने तेज थे कि गाजियाबाद और नोएडा के पॉश इलाके से लोग अपने-अपने घरों से बाहर भागने को मजबूर हो गए। फिलहाल कोई जान माल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं है।
सीस्मोलॉजी विभाग के मुताबिक रात 10:17 बजे कालाफगन, अफगानिस्तान से 90 किमी की दूरी पर यह झटके महसूस किए गए। नोएडा के ग्रामीण इलाकों में भी इसका असर दिखा और लोग घरों से बाहर आ गए। इस दौरान कई जगहों पर ट्रैफिक भी कुछ देर के लिए रुक गए। लोगों का कहना है कि उन्होंने इतने तेज झटके पहले दिल्ली में कभी महसूस नहीं किए। इसके बाद दिल्ली में खौफ और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
भूकंप के झटके दिल्ली समेत गाजियाबाद, उत्तराखंड, पंजाब में भी महसूस किए। हर जगह अफरा-तफरी का माहौल रहा। दो से तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके अलावा चमोली, उत्तरकाशी के गंगा घाटी, यमुनाघाटी,मसूरी, पंजाब के मोगा, बठिंडा, मानसा, पठानकोट, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, सहारनपुर, शामली और जयपुर में भूकंप के झटके महूसस किए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के इस्लामाबाद और कजाकस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
कैसे आता है भूकंप
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
भूकंप के दौरान क्या करें औ क्या नहीं
भूकंप के दौरान जितना हो सके सुरक्षित रहें। ध्यान रखें कि कुछ भूकंप वास्तव में भूकंप से पहले के झटके होते हैं और बड़ा भूकंप कुछ देर में आ सकता है। अपनी हलचल एकदम कम कर दें और नजदीकी सुरक्षित स्थान तक पहुंचें। तब तक घर के अंदर रहें जब तक कि भूकंप बंद न हो जाए और आप सुनिश्चित हों कि बाहर निकलना सुरक्षित है।