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विनाशकारी भूकंप के झटकों से दहला म्यांमार और थाईलैंड, 100 से ज्यादा मौतें

देवरिया। म्यांमार और थाईलैंड में आज आए तेज भूकंप के झटकों से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। इस विनाशकारी भूकंप ने कई इमारतों, पुलों और बांधों को नुकसान पहुंचाया है। दो सबसे अधिक प्रभावित शहरों से भयावह तस्वीरें सामने आई हैं। रिक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता वाले इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था। जानकारी के अनुसार, दोपहर करीब 12 बजे इस झटके के कुछ ही देर बाद 6.4 तीव्रता का एक और भूकंप आया।

म्यांमार में आए छह भूकंप

  • 4.4 तीव्रता का भूकंप 10 किमी की उथली गहराई पर दर्ज किया गया।
  • 4.9 तीव्रता वाला एक और झटका 30 किमी की गहराई पर आया।
  • पहले के भूकंपों के आफ्टरशॉक के रूप में क्षेत्र में 5.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।
  • दोपहर 12 बजे, 10 किमी की गहराई पर 7.0 तीव्रता का भूकंप आया।
  • इससे पहले, 7.2 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप इस क्षेत्र को हिला चुका था।
  • नवीनतम भूकंप 10 किमी की गहराई पर आया, जिससे यह आफ्टरशॉक की दृष्टि से संवेदनशील हो गया है।

विशेषज्ञों के अनुसार, उथली गहराई पर आने वाले भूकंप अधिक खतरनाक होते हैं, क्योंकि इनमें निकलने वाली ऊर्जा सतह के करीब ज्यादा प्रभाव डालती है। इसके कारण जमीन का तेज कंपन होता है और इमारतों को गंभीर क्षति पहुंचती है, जिससे जानमाल का अधिक नुकसान होता है।

बढ़ सकती है मृतकों और घायलों की संख्या

गृहयुद्ध से जूझ रहे म्यांमार में इस त्रासदी पर सैन्य सरकार का आधिकारिक बयान सामने आया है। म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख, वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने टीवी पर दिए अपने बयान में बताया कि अब तक कम से कम 144 लोगों की मौत हो चुकी है और 730 से अधिक लोग घायल हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि मृतकों और घायलों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है।

राजधानी नेपीडॉ में भारी तबाही, राहत कार्य जारी

राजधानी नेपीडॉ में भूकंप से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। वहां से आई तस्वीरों में क्षतिग्रस्त इमारतें दिखाई दे रही हैं, जबकि बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं। इस आपदा के बीच म्यांमार सरकार ने जानकारी दी है कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में अस्पतालों के ब्लड बैंक में खून की भी भारी कमी सामने आ रही है। मांडले शहर की स्थिति भी भयावह बनी हुई है। वहां टूटी-फूटी सड़कें, क्षतिग्रस्त राजमार्ग और ढह चुके पुल व बांध की तस्वीरें सामने आई हैं। इस विनाश के कारण एक और चिंता खड़ी हो गई है, देश के कई हिस्सों तक राहत और बचाव दल कैसे पहुंचेंगे, क्योंकि म्यांमार पहले से ही गंभीर मानवीय संकट से जूझ रहा है।

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