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स्टेम सेल से बनाया भ्रूण, कई बंदरिया हो गईं प्रेग्नेंट, इससे बांझपन और गर्भपात का इलाज संभव

देवरिया। चीनी वैज्ञानिकों ने पहली बार स्टेम सेल से बंदर के भ्रूण जैसे मॉडल तैयार किए हैं। इन कृत्रिम भ्रूण को उन्होंने बंदरिया में प्रत्यारोपित कर दिया। इससे बंदरिया प्रेग्नेंट (monkey pregnant through engineered embryo) हो गई है। माना जा रहा है कि इस उपलब्धि से मानव प्रजनन प्रणाली और भ्रूण विकास की गहरी समझ होगी। जिससे आने वाले समय में महिलाओं को कृत्रिम तरीके से गर्भधारण कराया जा सकेगा।

प्रजनन वैज्ञानिक डॉ. जेन लियु कहते हैं कि यह शोध मानव भ्रूण विकास की शुरुआत को समझने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, चूंकि बंदर जैविक रूप से इंसानों के सबसे करीब हैं, इस अध्ययन से हमें मानव प्रजनन की कई अनसुलझी पहेलियों को सुलझाने का मौका मिलेगा।

मैकाक बंदरों पर हुआ सफल प्रयोग

चीन के वै​ज्ञानिकों की एक शोध टीम ने मैकाक प्रजाति के बंदरों के स्टेम सेल को प्रयोगशाला में भ्रूण के प्रारंभिक मॉडल में विकसित किया। इन भ्रूण मॉडल्स को सरोगेट बंदर की कोख में प्रत्यारोपित किया गया, जिससे कुछ बंदरियों ने गर्भधारण किया।

मानव भ्रूण अनुसंधान पर प्रभाव

इससे पहले वैज्ञानिकों ने मानव स्टेम सेल (human stem cell) से भी इसी तरह के भ्रूण मॉडल तैयार किए हैं, लेकिन उनका परीक्षण नैतिक और कानूनी कारणों से सीमित है। ऐसे में बंदरों पर किए गए ये प्रयोग मानव विकास प्रक्रिया के अध्ययन के लिए एक सुरक्षित और व्यावहारिक विकल्प बन सकते हैं।

नैतिकता पर बहस शुरू हो गई

इस शोध की सफलता के साथ ही जैव प्रौद्योगिकी की नैतिक सीमाओं पर भी बहस शुरू हो गई है। वैज्ञानिक समुदाय का एक वर्ग मानता है कि इस तकनीक के जरिए भविष्य में इनफर्टिलिटी (बांझपन) और गर्भपात जैसी समस्याओं का समाधान मिल सकता है, लेकिन कुछ लोगों को जानवरों पर इस तरह के प्रयोगों को लेकर आपत्ति है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह शोध स्टेम सेल थेरेपी, प्रजनन उपचार और जन्म दोषों की रोकथाम में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

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