देवरिया न्यूज़

: :

झारखंड में स्कूलों की हालत बद्तर, लातेहार के 40 स्कूलों में 19 मे सिर्फ एक टीचर ही करा रहे पढ़ाई

देवरिया । झारखंड में शिक्षा का स्तर दिनों दिन गिरता जा रहा है। राज्य में शिक्षा कि स्थिति यह है कि 6300 स्कूल ऐसे हैं, जो एक शिक्षक के भरोसे है, जबकि 12 हजार स्कूल दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। ऐसे स्कूलों में अगर एक शिक्षक छूट्टी पर रहेंगे तो या तो स्कूल बंद करना पड़ता है या फिर पढ़ाई नहीं होती है। ऐसे में बच्चों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कहां से आएगी। इसी कड़ी में राज्य के लातेहर जिला में 40 स्कूल है, जिसमें 19 स्कूल एकल शिक्षक स्कूल है। इसको लेकर लोगों में नाराजगी है और 13 अप्रैल को यहां के ब्लॉक मुख्यालय पर एकल शिक्षक स्कूल के खिलाफ एक जनसभा आयोजित करने का फैसला लिया है।

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और नरेगा वॉच के संयोजक जेम्स हेरेंज ने एक संयुक्त बयान में कहा कि इस बैठक में न केवल एकल शिक्षक वाले स्कूलों का विरोध किया जाएगा, बल्कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रावधान के अनुपालन की भी मांग की जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत ज्ञान विज्ञान समिति के सहयोग से संयुक्त ग्राम सभा मंच द्वारा एक रैली और एक सार्वजनिक बैठक भी आयोजित की जाएगी, जिसमें लातेहार जिले के गारू ब्लॉक के 15 गांवों के निवासी, विशेष रूप से छात्र, अभिभावक और सदस्य शामिल होंगे। स्कूल प्रबंधन समिति स्कूलों की समस्याओं पर चर्चा करेंगे।

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज का कहना है कि झारखंड ऐसे राज्यों में से है, जहां शिक्षकों की भारी कमी है और एकल-शिक्षक स्कूलों का अनुपात अधिक है। कक्षा I-V में नामांकित 60 छात्रों वाले सभी स्कूलों में दो शिक्षक होने चाहिए।

लातेहर में स्थित गारू ब्लॉक में कुल 40 में से 19 स्कूल में सिर्फ एक शिक्षक है। पूरे राज्य में स्कूलों की स्थिति संतोषजनक नहीं है। 35,438 प्राथमिक विद्यालयों में से 6,904 एकल-शिक्षक विद्यालय हैं जो 19.48 प्रतिशत हैं। इनमें से भी बहुत सारे स्कूल बंद रहते है। इसके अलावा इन स्कूलों से जुड़े एकल शिक्षक भी किसी न किसी कारण अनुपस्थित रहते हैं। शिक्षक अक्सर शिक्षण के अलावा अन्य कार्यों में लगे रहते हैं। इन सबके परिणामस्वरूप, राज्य में प्राथमिक शिक्षा पिछड़ गई है।

बीजीवीएस के राष्ट्रीय सचिव काशीनाथ चटर्जी ने बताया कि राज्य में प्राथमिक शिक्षा की दयनीय स्थिति के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए भारत ज्ञान विज्ञान समिति ने पहले दो जत्थे निकाले हैं, जो वर्तमान में राज्य भर में कुल 24 जिलों में से 20 को कवर करने के लिए चल रहे हैं। जत्थों के साथ स्वयंसेवकों को भी जोड़े जा रहे हैं। सार्वजनिक बैठक आयोजित कर समस्याओं को उजागर करने लिए नाटकों का भी आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले झारखंड में हुए प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के विलय के परिणामस्वरूप 5,700 स्कूल बंद हो गए। इससे समस्या और बढ़ गई, क्योंकि बहुत से बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया। उन्हें अपने नए स्कूलों में जाने में मुश्किल होती थी जो अक्सर उनके घरों से दूर स्थित होते थे।

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *