देवरिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैरा ओलंपिक से लौटे एथलीट्स से अपने आवास पर लंबी बात की। इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। खिलाड़ियों से मिलने और उनसे बात करने का सहज और सरल तरीके ने सबका मन मोह लिया है। खिलाड़ियों ने भी खुलकर अपनी बात पीएम के सामने रखी।

पीएम ने कोच की भी तारीफ
पीएम नरेंद्र मोदी ने पैरालंपिक से लौटे भारतीय एथलीट्स की प्रशंसा के साथ उनके कोचों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करना आसान काम नहीं है। कोच को पहले पैरा एथलीट्स की जरूरतों और उनकी परिस्थितियों को गहराई से समझना पड़ता है। यह काम केवल वही व्यक्ति कर सकता है जो असाधारण प्रतिभा और संवेदनशीलता रखता हो। सामान्य खिलाड़ियों को सिर्फ तकनीक सिखाई जाती है, लेकिन पैरा एथलीट्स को जीवन जीने का तरीका भी सिखाना होता है। कोच को यह समझना पड़ता है कि दौड़ने के लिए कहा जाने वाला पैरा एथलीट इस काम को आसानी से नहीं कर सकता।

पीएम ने नवदीप और शीतल का किया खास जिक्र
पीएम नरेंद्र मोदी ने गोल्ड जीतने वाले नवदीप सिंह से बातचीत से पहले मजाकिया अंदाज में कहा कि इस बार सबसे ज्यादा वायरल होने वाली रीलों में आप और शीतल शामिल हैं। इस पर नवदीप ने जवाब दिया, “मैं एफ 41 कैटेगरी में जेवलिन थ्रो करता हूं। 31 अगस्त को पेरिस गया था। जब साथी एथलीट्स मेडल जीतने लगे, तो मुझे थोड़ी घबराहट होने लगी कि वे जीत रहे हैं, मेरा क्या होगा? धीरे-धीरे मैंने अपने साथियों से बात की, जिससे मेरा आत्मविश्वास लौट आया। मुकाबले के दौरान मुझ पर कोई दबाव नहीं था।”

योगेश ने कहा पीएम का मतलब ‘परम मित्र’
पैरालंपियन योगेश कथुनिया ने मजाकिया अंदाज में पीएम नरेंद्र मोदी का एक नया अर्थ बताया, उन्होंने कहा कि पीएम का मतलब है ‘परम मित्र’। 27 वर्षीय योगेश ने पैरा डिस्कस थ्रो F56 इवेंट में सिल्वर मेडल जीता है। सुमित अंतिल ने पीएम से कहा कि आपसे बात करने के बाद मेडल जीतने का हौसला बढ़ा था, यह मेडल आपका है। पीएम ने पिछली बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, “जब मैंने आपसे बात की थी, तो कहा था कि मैं देशवासियों का संदेश लाया हूं, पूरा हिंदुस्तान कह रहा है ‘विजयी भव’। आपने इस संदेश को समझा और दिल से अपनाकर शानदार प्रदर्शन किया।”
पीएम ने खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपके व्यक्तित्व में ईश्वर ने कुछ विशेष रूप से दिया है। आपने कठिनाइयों और संघर्षों के बीच अपनी जिंदगी गुजारी है। संभवतः आपको कभी उपहास का सामना करना पड़ा होगा, शायद लोगों ने आपका मजाक भी उड़ाया हो। लेकिन आपने ये सब सहन किया। इसलिए, आपके मन में जीत या हार का कोई बोझ नहीं है। यह एक बहुत बड़ी बात है, और यही चीज आपको आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
देश में एक नया कल्चर पैदा करना है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं आप सभी के जरिए देश में एक नई सोच विकसित करना चाहता हूं। यह सोच ऐसी होनी चाहिए कि जिन नागरिकों को किसी प्रकार की कठिनाई है, उन्हें देखने का नजरिया बदले। उन्हें दया नहीं, बल्कि सम्मान की दृष्टि से देखा जाए। मैं यही संस्कृति देश में स्थापित करना चाहता हूं। आपकी जीत या हार से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आप खेल में हिस्सा लेते हैं और पैरालंपिक तक पहुंचते हैं। आपकी मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाएगी।”