देवरिया । भारत की स्टार मुक्केबाज निकहत जरीन ने रविवार को इतिहास रच दिया है। लाइट फ्लाईवेट (48-50 किग्रा) कैटेगरी में खेलते हुए निकहत ने दो बार की एशियाई चैंपियन वियतनाम की गुयेन थी टैम को 5-0 हराकर वर्ल्ड चैंपियन का अपना ताज बचा लिया है। उन्होंने दिल्ली स्थिति केडी जाधव स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में खेले गए महिला विश्व कप के फाइनल में जीत हासिल कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
निकहत ने मैच के शुरुआत से ही आक्रामक रूप दिखाया और पूरे मैच में वह अपनी प्रतिद्विंदी पर भारी नजर आईं। शानदार लय में चल रही निकहत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 का तीसरा स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाल दिया। बता दें कि निकहत लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियन बनी हैं। साल 2022 में भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन इस्तांबुल में आयोजित महिला विश्व चैंपियनशिप के फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग के एकतरफा फाइनल मैच में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बनीं थी।
निकहत ने रविवार को भारत की झोली में महिला प्रीमियर लीग 2023 का तीसरा गोल्ड मेडल डाला है। उनसे पहले शनिवार को 45-48 भारवर्ग में खेलते हुए युवा मुक्केबाज नीतू घणघस ने फाइनल मैच में मंगोलिया की लुत्सेखान अटलांटसेटसेग को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
निकहत जरीन का जन्म 14 जून 1996 को तेलंगाना के निजामाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद जमील अहमद और मां का नाम परवीन सुल्ताना है। निकहत के पिता सैल्समैन हैं और माता हाउस वाइफ हैं। चार बहनों में निकहत दूसरे नंबर की है। उनके चाचा शमशामुद्दीन एक बॉक्सिंग कोच हैं, उन्होंने ही निकहत को बॉक्सिंग की दुनिया से परिचित करवाया था और निकहत को शुरुआती ट्रेनिंग दी थी। निकहत ने 13 साल की उम्र से ही मुक्केबाजी की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी और अब वो एक वर्ल्ड चैंपियन हैं।
नीतू घणघस ने 48 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीता
इससे पहले महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भिवानी के धनाना गांव की मुक्केबाज नीतू घणघस ने 48 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने मंगोलियाई मुक्केबाज लुत्सेखान को 5-0 से हराया। इससे पहले उन्होंने कजाकिस्तान की मुक्केबाज को 5-2 के अंतर से हराकर फाइनल मैच में प्रवेश किया था।

स्वीटी बूरा ने दिलाया दूसरा पदक
स्वीटी बूरा ने 75-81 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। स्वीटी ने चीन की लिना वोंग को हराया। पूरे मैच के दौरान दोनों खिलाड़ियों के बीच कांटे की टक्कर रही। हालांकि, शुरुआती दो राउंड में स्वीटी ने 3-2 की बढ़त बनाई थी। ऐसे में तीसरे राउंड के बाद फैसला रिव्यू के लिए गया। यहां पर भी स्वीटी के पक्ष में नतीजा आया और भारत को प्रतियोगिता में दूसरा स्वर्ण पदक मिल गया।
लवलीना ने दिलाया चौथा स्वर्ण
लवलीना बोरगोहेन ने 70-75 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश को चौथा पदक दिलाया। उन्होंने फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज कैटलिन एन पार्कर को मात दी। इस मैच में दोनों खिलाड़ियों के बीच कांटे की टक्कर थी। पहला राउंड लवलीना ने 3-2 के अंतर से अपने नाम किया। वहीं, दूसरा राउंड ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने जीता। तीसरे और आखिरी राउंड में दोनों के बीच कांटे की टक्कर रही और अंत में मैच का नतीजा रिव्यू के लिए गया। सभी जज ने मिलकर लवलीना को विजेता घोषित किया। इसके साथ ही देश को इस प्रतियोगिता में चौथा स्वर्ण पदक मिल गया। इस तरह प्रतियोगिता में भारत की झोली में कुल चार स्वर्ण पदक आए।