देवरिया न्यूज़

: :

Amrit Snan: पहले शाही स्नान पर महानिर्वाणी अखाड़े ने लगाई पहली डुबकी

देवरिया। प्रयागराज में मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान (Amrit Snan)यानी शाही स्नान की शुरुआत हुई। अमृत स्नान में सबसे पहले नागा साधु संगम में डुबकी लगाते हैं। इसके लिए अखाड़ों का क्रम भी पहले से तय होता है। एक दिन पहले ही अखाड़ों  को उनके क्रम के अनुसार समय दे दिया जाता है। अखाड़े उसी समय में अपने टोली के साथ बैंड-बाजे और सजे-धजे भव्य रथों, घोड़ों और हाथियों पर सवार होकर शाही अंदाज में अमृत स्नान (Amrit Snan)के लिए आते हैं।

6 स्नानों में 3 शाही स्नान

आपको बता दें इस बार कुंभ में कुल 6 पर्वों पर स्नान होंगे। जिनमें से 3  शाही स्नान (Amrit Snan) होंगे बाकी सभी पर्व स्नान कहलाएंगे। मकर संक्रांति के साथ पहले शाही या अमृत स्नान की शुरुआत हो चुकी है। इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान होगा और 3 फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर तीसरा और अंतिम अमृत स्नान संपन्न होगा। इसके अलावा 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पर्व स्नान संपन्न होंगे।

सबसे पहले किसने किया Amrit Snan?

अमृत स्नान (Amrit Snan)में सबसे पहले महा निर्वाणी और अटल अखाड़े के नगा साधुओं ने संगम में डुबकी लगाई।  ये अखाड़े सुबह 5  बजकर 15 मिनट पर शिविर से संगम की ओर निकले और लगभग 6 बजकर 15 मिनट पर संगम पर स्नान किया। शाही स्नान के समय निकलने वाली अखाड़ों की सवारी देखते ही बनती है। कड़ाके की ठंड में नागा साधुओं के शरीर में सिर्फ भस्म रमी होती है। हाथों में तलवार, त्रिशूल, डमरू लिए, हाथी-घोड़ों और रथ पर सवार होकर स्नान के लिए निकली उनकी टोली अद्भुत और अलौकिक अनुभव देती है। चारों तरफ डमरू, ढोल, गाजे-बाजे , हर-हर महादेव और हर-हर गंगे की ध्वनी ही गूंजती रहती है।

जानें अमृत स्नान के नियम

महाकुंभ में  शाही स्नान या अमृत स्नान का दिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शाही स्नान से सभी पापों से मुक्ति मिलकर मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहा जाता है शाही स्नान पर संगम में डुबकी लगाने से इसका फल पीतरों को भी मिलता है। गृहस्थ लोगों को नागा साधुओं के स्नान के बाद ही डुबकी लगाना चाहिए। नहाने के समय पूरी तरह से शुद्ध होना चाहिए और संगम पर साबुन या शैंपू का उपयोग नहीं करना चाहिए। स्नान के बाद संगम किनारे लेटे हुए हनुमान जी और अक्षय वट मंदिर के भी दर्शन करें। साथ ही स्नान, पूजा और दर्शन के बाद गरीबों को कुछ ना कुछ दान जरूर करें।

ये भी पढ़ें- https://newsdeoria.com/on-the-first-day-of-maha-kumbh-2025/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *