देवरिया। लोकसभा चुनाव का परिणाम लगभग साफ हो चुका है। नतीजों में NDA को बहुमत मिलता नजर आ रहा है। लेकिन पूरे देश में सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर प्रदेश की हो रही है। बीजेपी का सबसे बड़ा गढ़ माने जाने वाले यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी को केवल 33 सीटें मिलती नजर आ रही हैं, वहीं सपा को 37 सीटें मिली हैं। 36 सीटें यूपी में NDA गठबंधन को मिली हैं, वहीं इंडिया गठबंधन की बात करें तो कुल 42 सीटों पर निर्णायक बढ़त है।
अयोध्या में भी अपनी सीट नहीं बचा पाई बीजेपी
अयोध्या में राम लला की स्थापना के बाद पूरी यूपी में मोदी लहर का जोर चल रहा था। चारों तरफ पीएम मोदी के इस काम की सराहना हो रही थी। प्रदेश में “जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे” का नारा छाया हुआ था। लेकिन पार्टी के साथ-साथ पूरे देश को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब बीजेपी अयोध्या की सीट भी नहीं बचा पाई। अयोध्या में बीजेपी ने लल्लू सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन सपा के अवधेश प्रसाद से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
अयोध्या हारे लेकिन ‘राम’ जीते
अयोध्या में तो बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा लेकिन मेरठ से बीजेपी प्रत्याशी अरुण गोविल यानी टीवी के मशहूर राम ने जीत हासिल कर ली है। उन्होंने सपा प्रत्याशी सुनीता वर्मा को 10 हजार वोटों से मात दे दी है। शुरुआती रुझानों में अरुण गोविल पीछे नजर आ रहे थे लेकिन गिनती आगे बढ़ते ही उन्होंने लगातार बढ़त बनाई और नतीजे आते तक 10 हजार वोटों के अंतर से अपनी जीत सुनिश्चित की।
अमेठी में राहुल से जितने वाली स्मृति नए प्रत्याशी से हारीं
यूपी की महत्वपूर्ण मानी जाने वाली अमेठी सीट के भी परिणाण चौंकाने वाले थे। इस सीट पर अपनी जीत को लेकर आश्वस्त बीजेपी को निराशा हाथ लगी है। अमेठी से कांग्रेस के केएल शर्मा ने स्मृति ईरानी को लगभग डेढ़ लाख वोटों से मात दी है। हार के बाद स्मृति ईरानी ने कहा कि- “मुझे लगता है कि आज जनता का आभार व्यक्त करने का दिन है, जो जीते उन्हें बधाई देने का दिन है। संगठन का स्वभाव विश्लेषण करने का है और संगठन विश्लेषण करेगा। एक जनप्रतिनिधि के नाते यह मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने हर गांव में जाकर काम किया। हार या जीत के बावजूद मैं लोगों से जुड़ी और यह मेरे जीवन का बहुत बड़ा सौभाग्य है।”
रायबरेली में राहुल की बंपर जीत
रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जीत हासिल कर ली। राहुल गांधी लगभग 4 लाख 5 हजार वोटों से जीते। राहुल को 689,173 वोट हासिल हुए हैं। आपको बता दें कि राहुल ने वायनाड सीट भी जीत ली है। रायबरेली को कांग्रेस की पारंपरिक सीट मानी जाती है। पहले यह माना जा रहा था कि राज्य सरकार के मंत्री दिनेश सिंह और राहुल गांधी के बीच कांटे की टक्कर होगी, लेकिन नतीजों में ऐसा कुछ नहीं दिखा राहुल गांधी ने चार लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है।
क्या माना जा रहा है राहुल की बड़ी जीत का कारण
रायबरेली में राहुल गांधी की जीत के कई बड़े कारण राजनीतिक विश्लेकों के द्वारा बताया जा रहा है। जिसमें प्रियंका गांधी और राहुल गांधी का हर एक क्षेत्र में जाकर खुद जोरशोर से प्रचार करना सबसे महत्वपूर्ण है। प्रत्याशी का जनता के बीच जाना और रुबरू होना काफी मायने रखता है। प्रियंका गांधी ने अपने प्रचार भाषण में आक्रामकता दिखाई थी जो जनता को भा गई। वहीं एक बड़ा कारण सोनिया गांधी का भावुक निवेदन भी मान जा रहा है। रायबरेली में सोनिया ने अपने भाषण में भावुक होकर कहा था कि- “मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूं, राहुल आपको निराश नहीं करेगा”। ये सभी छोटे-छोटे फैक्टर कांग्रेस के लिए काम कर गए और राहुल गांधी ने प्रचंड मतों से जीत हासिल की।
प्रत्याशियों का गलत चयन हो सकता है बड़ी हार का कारण
उत्तर प्रदेश में केंद्रीय आला कमान ने बहुत सी सीटों पर प्रत्याशियों में बदलाव नहीं किया था। यूपी में सबसे कम सीट काटी गई और ज्यादातर टिकट मौजूदा सांसदों को दिए गए। जबकी प्रदेश में कई ऐसे बीजीपे के सांसद थे जिनपर जनता ने अपनी नाराजगी बहुत पहले ही व्यक्त कर दी थी। ऐसे सभी मौजूदा सांसदों को हार का सामना करना पड़ा। वहीं दिल्ली में एक सीट को छोड़कर बीजेपी ने सभी जगह टिकट काटकर नए प्रत्याशी उतारे, जिसका सकारात्मक परिणाम सबके सामने है।