देवरिया। शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जगतगुरु रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया। ज्ञानपीठ पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। जगतगुरु रामभद्राचार्य के साथ ही यह पुरस्कार मशहूर गीतकार गुलजार को भी दिया गया है। आपको बता दें ये ज्ञानपीठ पुरस्कार साल 2023 के लिए दिया गया है।
2023 में हुआ था नॉमिनेशन
आपको बता दें ज्ञानपीठ के लिए गुलजार और जगतगुरु के नाम का ऐलान साल 2023 में ही कर दिया गया था। सम्मान समारोह शुक्रवार 16 मई को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था। इस दौरान स्वामी रामभद्राचार्य जी के उत्तराधिकारी जय महराज भी उनके साथ मौजूद रहे। इस दौरान राष्ट्रपति ने रामभद्राचार्य जी की रचनाओं की सराहना करते हुए कहा कि- “उन्होंने कहा कि शारीरिक सीमाओं के बावजूद साहित्य और समाज सेवा के क्षेत्र में अद्भुत योगदान दिया । उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। सम्मान मिलने पर राष्ट्रपति ने जगतगुरु और गुलजार को बधाई दी।
समारोह में शामिल नहीं हो सके गुलजार
इस सम्मान समारोह में सिर्फ जगतगुरु रामभद्राचार्य ही शामिल हो सके, गीतकार गुलजार स्वास्थ्य कारणों से कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहे। गुलजार की सम्मान की बधाई देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि- “वो जल्दी से ठीक हो जाएं और पहले की तरह कला, साहित्य, समाज और देश के लिए काम करते रहें।”
समाज को जोड़ता और जगाता है: राष्ट्रपति
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि- “साहित्य समाज को जोड़ता है और जगाता है। 19वीं सदी में जो सामाजिक बदलाव हुए और 20वीं सदी में जो आज़ादी की लड़ाई हुई, उसमें कवियों और लेखकों ने लोगों को जोड़ने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखा गया गाना ‘वंदे मातरम’ लगभग 150 सालों से भारत माता के बच्चों को जगा रहा है, और हमेशा जगाता रहेगा। वाल्मीकि, व्यास और कालिदास से लेकर रवींद्रनाथ टैगोर जैसे महान कवियों की रचनाओं तक, हमें एक जीवंत भारत की धड़कन महसूस होती है। यह धड़कन ही भारतीयता की आवाज है।”
CM योगी आदित्यनाथ ने किया ट्विट
जगतगुरु रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार दिए जाने पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्विट कर उन्हें बधाई दी-
“माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा पूज्य संत, पद्मविभूषित जगद्गुरु तुलसीपीठाधीश्वर रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज को संस्कृत भाषा व साहित्य के क्षेत्र में उनके अतुल्य योगदान के लिए प्रतिष्ठित ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार-2023’ से सम्मानित होने पर हृदयतल से बधाई! आपका कालजयी रचना संसार वैश्विक साहित्य जगत के लिए अमूल्य धरोहर है। आपका सम्मान संत परंपरा, भारत की साहित्यिक विरासत एवं राष्ट्रधर्म का सम्मान है।”