देवरिया। केंद्र की मोदी सरकार ने एक साल में कई जगहों पर रोजगार मेले और हिंदी जॉब मेले का आयोजन किया और इसके जरिए करीब 7 लाख युवाओं को रोजगार दिया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अब तक 11 रोजगार मेले लगाए और देशभर में 7 लाख लोगों को नौकरियां दी। पहला रोजगार मेला इस साल 22 अक्टूबर को लगाया था, जिसमें प्रधानमंत्री ने 75 हजार नियुक्ति पत्र बांटे थे। गौरतलब है कि दिसंबर तक 10 लाख नौकरियों का लक्ष्य रखा गया था।
जून 2022 में हुई थी घोषणा
जून, 2022 की शुरुआत में जब अग्निवीर के तहत भर्ती की घोषणा हुई थी जब देशभर में इस योजना का विरोध हुआ, जगह-जगह प्रदर्शन भी किए गए। योजना के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन शुरू होने के बाद सरकार ने सशस्त्र बलों में नियुक्ति की प्रक्रिया को भी बदल दिया था। उस समय पीएमओ से सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी दी थी कि सरकार अगले एक या डेढ़ साल में करीब 10 लाख लोगों की नियुक्ति करेगी। इस ट्वीट के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की समीक्षा की थी। इसके बाद निर्देश दिया गया कि मिशन मोड में अगले डेढ़ साल में 10 लाख लोगों की नियुक्ति की जाएगी।’
इसी महीने खत्म हो रही है सरकार की समय सीमा
नौकरियां देने की घोषणा में दिसंबर 2023 तक 10 लाख नौकरियां देने की बात कही गई थी। आज की तारीख तक 7 लाख नौकरियों का लक्ष्य पूरा हुआ है, लेकिन अब भी 3 लाख नौकरियां देना बाकी है। बाथ विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा के अनुसार, एक महीने से कम समय में तीन लाख लोगों की नियुक्ति होने की उम्मीद बेहद कम है। सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती की प्रक्रिया आमतौर पर बेहद लंबी होती है और इसे पूरा होने में कई महीने लग जाते है। लंबे समय के अंतराल से सरकारी विभागों में नौकरियां खाली थीं और इससे सेवाओं को समय व समुचित ढंग से करना प्रभावित हुआ है। देश के कुल रोजगार में सरकारी नौकरियों की हिस्सेदारी बेहद कम होती है। सरकार को बढ़ते मानवश्रम की जरूरतों को पूरा करने के लिए थमे हुए विनिर्माण व अन्य श्रम साध्य क्षेत्रों को तेजी से बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।’
