देवरिया: कोरोना महामारी के बाद पूरी दुनिया को ये बात समझ आ गई है कि स्वास्थ्य ही हमारे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। जैसे हम स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करते हैं। अच्छा खाना खाना खाते हैं। अच्छा दिखने के लिए अपनी त्वचा और बालों का ध्यान रखते हैं, वैसे ही हमें ओरल हेल्थ का भी ध्यान रखना चाहिए। लेकिन अक्सर लोग ओरल हेल्थ के बारे में ना बात करते हैं और ना उतना ख्याल रखते हैं, जितना रखना चाहिए। एक सर्वे के मुताबिक भारत में करीब 80 प्रतिशत लोग किसी ना किसी ओरल समस्या से पीड़ित हैं। मुंह की सफाई का ध्यान नहीं रखने से ना सिर्फ दांत और मसूड़ों से जुड़ी समस्याएं होती हैं बल्की ये और भी कई बीमारियों को न्योता देती हैं।
ओरल हेल्थ मेंटेन करना भी है बेहद जरूरी
हम जो भी खाते या पीते हैं उस पर ही हमारा स्वास्थ निर्भर करता है, और खाने पीने की सारी चीजें मुंह से होते हुए ही हमारे पेट तक पहुंचती हैं। इसलिए मुंह और दांतों का ध्यान रखना उन्हें साफ रखना बहुत जरूरी हो जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं दांतों में होने वाली बीमारी की वजह से दिल और दिमाग से जुड़ी बीमारियों के होने की संभावना होती है। इसके साथ और भी कई बीमारियों का कारण भी बनती है।
गुड ओरल हेल्थ क्या होता है
हम और आप में से कितने ऐसे लोग हैं, जिन्हें पता है वो ओरली हेल्दी हैं। अगर आपको यह नहीं पता कि अपने ओरल हेल्थ को कैसे चेक करें तो यहां हम आपकी मदद करते हैं जिससे आप जान पाएंगे कि आपका मुंह पूरी तरह स्वस्थ है या नहीं। अगर दांतों को ब्रश करते समय आपके दांतों से खून नहीं आता, आपके मसूड़े हल्के गुलाबी रंग के हैं, मुंह से किसी प्रकार की दुर्गंध नहीं आती, दांतों में सेंसिटिविटी नहीं है, जीभ गुलाबी और नम युक्त हैं। दांतों में किसी प्रकार का दर्द और दाग नहीं हैं। अगर आप इन सभी पैमाने पर खरे उतरे तो आपकी ओरल हेल्थ बिल्कुल सही है।
जानते हैं ओरल डिजीज के बारे में
बहुत से कारणों से हमारे मुंह में दांतों या मसूड़ों से जुड़ी समस्याएं हो जाती हैं, जिनको पहचानना और इलाज कराना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं मुंह से जुड़ी कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं और कैसे उसका इलाज कराया जा सकता है।
दांतों में कैविटी
टूथ डिके के नाम से भी जाने जाने वाली कैविटी दांतों को लंबे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकती है। कैविटी के ज्यादा होने से दांतों में छेद भी हो सकता है। ज्यादातर लोगों में कैविटी की समस्या देखी जाती है। कैविटी के मुख्य कारण बैक्टीरिया होते हैं जो दांतों में प्लाक के रूप में एक लेयर बना लेते हैं। दांतों में मौजूद एसिड धीरे-धीरे दांतों के इनैमल और कनेक्टिव टिशु को खराब करने लगते हैं और दांत धीरे-धीरे पूरी तरह से डैमेज हो जाते हैं।
जिंजिवाइटिस
जिंजिवाइटिस एक गम डिजीज है जो मसूड़ों मे होती है। इससे मसूड़ों में दर्द बना रहता है। दांतों और मुंह की अच्छी तरह सफाई नहीं करने पर ये बीमारी होती है। जिंजिवाइटिस से मसूड़ों में खून निकलने की भी समस्या हो जाती है। सही समय पर इलाज नहीं कराने पर मसूड़ों में गंभीर इंफेक्शन हो जाता है। ये इंफेक्शन पूरे जबड़े और शरीर को भी प्रभावित कर सकता है।
सेंसिटिविटी
ठंडा या गर्म खाना खान से दांतों में होने वाली असहजता को सेंसिटिविटी कहा जाता है। इससे बचने के लिए दांतों का बचपन से ही ध्यान रखना चाहिए। कभी-कभी पतले इनैमल होने के कारण भी दांत सेंसिटिव हो जाते हैं। इसके लिए डॉक्टर विशेष टूथपेस्ट रिकमेंड करते हैं जिससे काफी हद तक सेंसिटिविटी से राहत मिलती है।
ओरल कैंसर
ओरल कैंसर मुंह से जुड़ी सबसे खतरनाक बीमारी है। लगातार तंबाकू, सिगरेट, सुपारी, शराब का इस्तेमाल करने से मुंह का कैंसर होने के आसार बढ़ जाते हैं। डॉक्टर हमेशा इन सभी नशीली और खतरनाक चीजों से दूर रहने की सलाह देते हैं। ओरल कैंसर के अलावा इन सबसे शरीर से जुड़ी और भी बीमारियां होने की संभावना रहती है। ओरल कैंसर को शुरूआत में ही डायग्नोस कर लेने पर इलाज संभव हो पाता है नहीं तो इसके बहुत बुरे परिणाम सामने आते हैं।
इस तरह से रखें ओरल हेल्थ का ख्याल
अपने दांतों और मसूड़ों का ख्याल रखना कोई बड़ी परेशानी की बात नहीं है। कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इन्हें भी स्वस्थ रख सकते हैं।
• दिन में दो बार जरूर ब्रश करें
• दांतों को 3 मिनट तक ब्रश करें
• ब्रश से दांतों और मसूड़ों को हल्के हाथों से ब्रश चलाएं
• मसूड़ों की मसाज करना ना भूलें
• दांतों मे कुछ फंस जाए तो धागे से निकाले, टूथ पिक मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है
• जितनी बार कुछ खाएं कुल्ला जरूर करें
• जीभ को भी रोजाना अच्छी तरह साफ करें
• किसी अच्छे डेंटिस्ट से नियमित तौर पर या कम से कम साल मे एक बार ओरल चेकअप कराएं