देवरिया। नेपाल के जनकपुर को भगवान राम का ससुराल माना जाता है। इस तरह प्रभु श्रीराम नेपाल के दामाद होते हैं। 22 जनवरी को भव्य समारोह में राम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होनी है इसके लिए जनकपुर से ढेर सारे उपहार आए हैं। सैकड़ों लोग जनकपुर से अयोध्या आए हैं।
जनकपुर के महंत और मेयर नेपाल से पहुंचे अयोध्या
माता सीता की जन्मस्थली जनकपुर से उपहार लेकर पहुंचे महंत और जनकपुरवासी एक ट्रक में सामान भरकर नेपाल से निकले और अयोध्या पहुंचने पर सबसे पहले रामलला के दरबार पहुंचे। इसके बाद जनकपुर के मेयर मोहन शाह और जानकी मंदिर जनकपुर के महंत रामतपेश्वर दास कुछ उपहार लेकर अयोध्या के महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी के आश्रम पहुंचे। वहां अयोध्या की परंपरा के अनुरूप पुष्पवर्षा कर जनकपुर वासियों का भव्य अभिनंदन किया गया। इसके बाद अयोध्या के महापौर मेहमानों को लेकर कारसेवकपुरम पहुंचे। यहां नेपाल से लाए गए सभी उपहारों को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज को सौंप दिए। महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा कि- “सदियों की परंपरा नए सिरे से मजबूत हो रही है। त्रेतायुग के बाद शायद यह पहला अवसर है जब नेपाल से इतनी मात्रा में रामलला के लिए उपहार आए हैं।”
उपहार में आया पूरी गृहस्थी का सामान
जनकपुर मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रोशन दास ने बताया कि लाल-पीले कपड़ों से सजी डलियों में कई तरह के आभूषण, 10-10 किलो मेवे, 20-20 किलो मिठाइयां, मालपुआ और अन्य पकवान लाए गए हैं। मौसमी फलों से भरी 100 से ज्यादा डलियां हैं। बेटी सीता के लिए पीली धोती, लाल चुनरी, श्रृंगार का सामान और सुहाग की सामग्री भी आई है। इसके अलावा सोने-चांदी के बर्तन, चांदी के धनुष-तीर, श्रृंगार का सामान, जानकी माता के चांदी के पद चिन्ह, भंडार का सारा सामना जैसे- गैस चूल्हा, सिलेंडर, बरतन, खाद्य सामाग्री में चावल, चूड़ा, खाजा, लड्डू, तिल के लड्डू समेत हजार उपहार शामिल हैं।
पुरानी परंपरा के तहत आए उपहार
जनकपुर से उपहार लेकर आए समूह के लोगों ने बताया कि जनकपुर में परंपरा है कि बेटी की घर-गृहस्थी बसाने के लिए मायके से नेग भेजा जाता है, जिसे भार कहते हैं। उसी परंपरा के तहत ये भार लेकर आए हैं। दामाद जी श्रीराम लंबे समय तक टेंट में थे, अब बेटी और दामाद को नया महल मिल रहा है। इसलिए बेटी और दामाद के नए महल की खुशी में जनकपुरवासी उपहार लाए हैं। मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन सर्दियों में होने जा रहा है इसलिए श्रीराम के ससुराल से ब्लेजर और जैकेट भी आए हैं।
