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इन पांच क्रिकेट खिलाड़ियों का करियर चोट की वजह से हुआ खत्म, एक की तो हो गई मौत

देवरिया : क्रिकेट इतिहास में अभी तक कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा और प्रदर्शन से पूरी दुनिया में नाम कमाया है। लेकिन कुछ दुर्भाग्यशाली क्रिकेटर ऐसे भी थे, जो काफी प्रतिभाशाली थे लेकिन चोट की वजह से उनका करियर समय से पहले ही खत्म हो गया। हम आपको क्रिकेट इतिहास के पांच ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिनका करियर चोट की वजह से काफी पहले ही खत्म हो गया और फिर ये दोबारा वापसी नहीं कर पाए।

मार्क बाउचर (दक्षिण अफ्रीका)

दक्षिण अफ्रीका के मार्क बाउचर को क्रिकेट इतिहास के सबसे महान विकेटकीपरों में गिना जाता है। वह शानदार बल्लेबाज होने के साथ-साथ विकेटकीपिंग भी करते थे। उनके नाम अभी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा शिकार करने का रिकॉर्ड है। लेकिन साल 2012 में एक ऐसा हादसा हुआ जिसके बाद साउथ अफ्रीका के लिए फिर कभी नहीं खेल सके।

दरअसल, साल 2012 में इंग्लैंड के दौरे पर मार्क बाउचर अपना 150वां टेस्ट मैच खेल सकते थे और अंतर्राष्ट्रीय करियर में अपने एक हजार शिकार भी पूरे कर सकते थे। हालांकि उससे पहले समरसेट के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में इमरान ताहिर की एक गुगली स्टंप पर जाकर लगी और फिर स्टंप की गिल्ली उड़कर बाउचर की बाई आंख में जाकर लग गई और वो चोटिल हो गए। उनके आंख की चोट इतनी गहरी थी कि उन्हें उसके बाद संन्यास लेना पड़ा और 467 मैच में वो सिर्फ 998 शिकार पर रह गए

फिल ह्यूज (ऑस्ट्रेलिया)

फिल ह्यूज वो खिलाड़ी थे जिनके नाम सबसे कम उम्र में एक ही टेस्ट मैच में दो शतक लगाने का रिकॉर्ड है। उन्होंने ये कारनामा महज 20 साल की उम्र में कर दिखाया था। फिल ह्यूज 25 नंवबर 2014 को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में जबरदस्त तरीके से बैटिंग कर रहे थे और स्टैंड्स में उनकी मां और बहन बैठकर उनके खेल का लुत्फ उठा रहे थे। जब वो 63 रन पर थे, तभी सीन एबॉट की बाउंसर हेलमेट के नीचे गर्दन के पास लगी। वो तुरंत वहीं गिर पड़े और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां पर उनकी सर्जरी हुई लेकिन इसके बावजूद उनकी मौत हो गई।27 नवंबर 2014 को सेंट विसेंट अस्पताल के डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

नाथन ब्रैकेन (ऑस्ट्रेलिया)

ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 5 टेस्ट मैचों के अलावा 116 वनडे और 19 टी-20 मैच खेलने वाले तेज गेंदबाज नाथन ब्रैकेन के करियर का भी दुखद अंत हुआ। दरअसल, इस खिलाड़ी को धुटने की चोट के कारण महज 31 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के लिए तीनों फॉर्मेट में तकरीबन 300 विकेट लेने वाले इस खिलाड़ी को साल 2009 में ऑस्ट्रेलियन वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया था।

साल 2015 में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। हालांकि कई लोगों का मानना है कि उनका संन्यास सिर्फ एक फॉर्मेलिटी थी, क्योंकि असल में एशेज सीरीज के उस मशहूर ब्रिस्बेन टेस्ट मैच के बाद ही उनका करियर खत्म हो गया था।

सबा करीम (भारत)-

भारत के लिए 1 टेस्ट और 34 वनडे मैच खेलने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज सबा करीम साल 2000 में चोट का शिकार हो गए थे। दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि सबा करीम संभवतः भारत के लिए और मैच खेल सकते थे, लेकिन अनिल कुंबले की गेंद पर लगी चोट ने उसके करियर को खत्म कर दिया। गौरतलब है कि साल 2000 में विकेटकीपिंग करते वक्त अनिल कुंबले की गेंद पर सबा करीम चोट का शिकार हो गए थे। जिसके बाद वह वापसी नहीं कर सके।

क्रेग कीस्वेटर (इंग्लैंड)-

क्रेग कीस्वेटर ने इंग्लैंड के लिए 46 वनडे और 25 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। वह दोनों फॉर्मेट में टीम के लिए ओपनिंग करते थे, लेकिन चोट ने इस खिलाड़ी के करियर को खत्म कर दिया। दरअसल, क्रेग कीस्वेटर डेविड विली की गेंद पर चोटिल हो गए थे। डेविड विली की गेंद क्रेग कीस्वेटर की दाएं आंख पर लगी थी। जिसके बाद इस खिलाड़ी के आंखों की रोशनी तकरीबन 85 फीसदी चली गई।

बता दें कि क्रेग कीसवेटर इंग्लैंड की 2010 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल मैच के हीरो थे, जिसे जीतकर इंग्लिश टीम ने खिताब पर कब्जा किया था। वो टॉप ऑर्डर के शानदार विस्फोटक बल्लेबाज थे और बेहतरीन विकेटकीपिंग भी करते थे। वो अपने करियर में काफी ऊंचाईयां हासिल कर सकते थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

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