देवरिया। देशभर में चल रही बस और ट्रक के ड्राइवर संघ की हड़ताल खत्म हो गई है। हड़ताल में प्राइवेट बसों ट्रकों से लेकर सरकारी महकमें की बसें भी शामिल थे। 1 जनवरी से शुरू हुई इस हड़ताल से सभी तरह के सामानों का ट्रांसपोर्टेशन और यात्रियों की आवाजाही थम गई थी। ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन ड्राइविंग के दौरान हुई दुर्घटना के लिए बनाए गए नए कानून का विरोध कर रहे थे। फिलहाल ड्राइवर संघ और परिवहन के बीच बातचीत के बाद सरकार ने सभी से काम पर लौटने की अपील की है।
सरकार ने क्या कहा
देशव्यापी ड्राइवर संघ की हड़ताल को लेकर अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के साथ बैठक की गई और बैठक में सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। जिसके बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा- “हमने आज अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों से चर्चा की। सरकार ये बताना चाहती है कि नए कानून एवं प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं, हम ये भी कहना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) लागू करने से पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।” इसके साथ ही उन्होंने ड्राइवर संघ से काम पर वापस लौटने की अपील भी की।
इन कारणों से हड़ताल पर थे ड्राइवर
पूरे देश में चल रही इस व्यापक हड़ताल का कारण दुर्घटनाओं से जुड़े कानून में हुआ बदलाव था। ड्राइवर संघ ने इसी कानून के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की थई। नए कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में सजा बढ़ा दी गई है। दुर्घटना के बाद फरार होने और घातक दुर्घटना की सूचना नहीं देने पर ड्राइवरों की सजा को बढ़ाकर 2 साल से 10 साल कर दिया गया है। वहीं जुर्माने की राशि भी 7 लाख रुपए कर दी गई है। ड्राइवर संघ का कहना है कि देशभर में रोजाना हजारों एक्सिडेंट्स होते हैं हर बार ड्राइवर की गलती नहीं होती लेकिन ड्राइवर रुकता है तो भीड़ मारपीट कर हत्या कर देती है और पुलिस को सूचना देने पर कानून में कड़ी सजा का प्रावधान कर दिया गया है। सरकार की तरफ से आए बयान में कहा गया है कि कानून अभी लागू नहीं किया या है। जिसके बाद सरकार और ड्राइवर्स के बीच सहमति बनी है।
