देवरिया। क्या आप जानते हैं, भारत में हर साल एक व्यक्ति 1 किलो 300 ग्राम पिज्जा खा जाता है। देश में पिज्जा की खपत लगातार बढ़ी है। चीन में एक इंसान हर साल 3 किलो 200 ग्राम पिज्जा खा रहा है। पिज्जा जिस इटली में जन्मा वहां एक व्यक्ति हर साल 7 किलो 600 ग्राम खाता है। दुनिया के 38 देशों की लिस्ट में यह सबसे ज्यादा नार्वे में 11 किलो 400 ग्राम खाया जाता है।
क्यों दी जाती है इसे ना खाने की सलाह
पिज्जा यंग जनेरेशन के सबसे पसंदीदा फास्ट फूड्स में से एक है। लेकिन खानपान के विशेषज्ञ अक्सर इसे ना खाने की सलाह देते हैं। इसका कारण है कि पिज्जा मैदे से बनाया जाता है। उस पर इस्तेमाल होने वाली सब्जियों को छोड़कर सारी चीजें केमिकल से प्रोसेस होती हैं इसलिए खतरनाक है। इससे मोटापा बढ़ता है। बीपी की समस्या बढ़ती है और इंसान में गुस्सा करने की प्रवृत्ति बढ़ती है। इसलिए न खाएं तो बेहतर है।
ये है पिज्जा का हेल्दी विकल्प
पिज्जा के बेस का कोई खास स्वाद नहीं होता, लेकिन उस पर डाली जाने वाली चीजें जैसे सब्जियां, पनीर, कॉर्न, मीट की वजह से उसमें स्वाद आता है। टेलीविजन और सोशल मीडिया पर प्रचार की वजह से बच्चे इससे आकर्षित होते हैं। ऐसे में उन्हें घर पर मिलेट्स (मोटे अनाज जैसे- ज्वार, बाजरा, जौ, रागी जैसी चीजें) से बने पिज्जा खिलाएं।
घर पर ही मोटे अनाजों के आटे से बना पिज्जा खाने से स्वाद और परिवार में प्यार दोनों बढ़ेगा। फालतू के पैसे भी खर्च नहीं होंगे। बच्चों को फास्ट फूड की आदत भी नहीं लगेगी और प्रचार से वे आकर्षित भी नहीं होंगे।
