देवरिया। महाकुंभ 2025 अब सिर्फ 4 दिन ही शेष है लेकिन भक्तों पर इसका खुमार अब भी जोरों पर है। 13 जनवरी से श्रद्धालुओं को जो रेला प्रयागराज में उमड़ा है वो अब तक जारी है। डुबकी लागने वालों का आंकड़ा 50 करोड़ को पार कर चुका है। उसके बाद भी देश में अब भी करोड़ों लोग ऐसे है जो कुंभ में स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं। लेकिन अब इसका भी तोड़ निकाला जा चुका है। डिजिटल कुंभ में अब डिजिटल डुबकी की भी व्यवस्था देखने को मिल रही है। आइए जानते हैं कैसे।
तस्वीरों को लगवाई जा रही कुंभ में डुबकी
प्रयाग में एक शक्स को यह आइडिया आया वो उन लोगों की तस्वीरों को संगम में डुबकी लगवाते हैं जो कुंभ आने में सक्षम नहीं हैं या किसी कारण से प्रयाग पहुंचने में असमर्थ हैं। इसे कुंभ में चल रहे कई स्टार्टअप्स में से एक माना जा रहा है। इसके लिए 11 सौ रुपए से लेकर 21 सौ रुपए तक की फीस भी चार्ज की जा रही है। रोजाना कई लोग इस तरह की डिजिटल स्नान की सेवा ले भी रहे हैं।
कैसे होता है डिजिटल स्नान ?
डिजिटल स्नान के लिए लोग अपनी फोटो फोन पर इस काम को कर रहे लोगों को भेज देते हैं। फोटो आते ही उसकी हार्ड कॉपी निकाल ली जाती है । फोटो को संगम पर ले जाकर डुबाया जाता है और इसकी वीडियोग्राफी कर जिन्होंने डिजिटल डुबकी के लिए फोटो भेजी थी उन्हें भेज दी जाती है। बाद में डुबकी लगवाने वाले को पेमेंट कर दिया जाता है। इस तरह से डिजिटल कुंभ में अब डिजिटल डुबकी की भी व्यवस्था भी उपलब्ध है।
डिजिटल स्नान से मिलेगा पुण्य?
लॉकडाउन के वक्त हमने कई रीति रिवाजों और शादियों को ऑनलाइन होते देखा है। लेकिन शास्त्रों को जानने वाले कुछ लोग कहते हैं कि फोटो रखकर या वीडियों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर पूजा-पाठ संपन्न कराए जा सकते हैं। लेकिन तस्वीर को कुंभ में स्नान कराने से कुंभ स्नान का पुण्य नहीं मिलता। कुंभ नहीं आ सकने पर कुंभ के जल और कुंभ की रज से स्नान करने से कुंभ का फल प्राप्त किया जा सकता है।