देवरिया । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को सूरत की सेशंस कोर्ट पहुंचे। राहुल गांधी की तरफ से सूरत कोर्ट में दो आवेदन दिए गए। उनकी मुख्य याचिका में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है। पहली अर्जी दोषसिद्धि (Conviction) पर रोक लगाने की थी, जबकि दूसरी अर्जी सजा पर स्टे लगाने से जुड़ी थी।
राहुल की ओर से सजा पर स्टे लगाने की मांग वाली अपील को स्वीकारते हुए कोर्ट ने राहुल गांधी को अंतरिम जमानत दी है और कहा है कि राहुल की यह जमानत तब तक रहेगी, जब तक कि उनकी अर्जी पर कोई फैसला नहीं हो जाता है।
वहीं, दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बिना ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। इस मामले में शिकायतकर्ता और गुजरात सरकार को 10 अप्रैल तक जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इस पर 13 अप्रैल को कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट ने राहुल गांधी को यह राहत दी है कि सुनवाई के दौरान उनका वहां मौजूद रहना जरूरी नहीं है।
राहुल ने ये किया ट्वीट :
राहुल ने दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर करने के बाद कहा कि वह ‘मित्रकाल’ के खिलाफ और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसमें सत्य ही उनका अस्त्र है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है. इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा!’
किस मामले में राहुल को हुई सजा?
मोदी सरनेम मामले में 23 मार्च को सूरत की एक कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी माना था और 2 साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के अगले दिन ही राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी रद्द हो गई थी। कोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए राहुल गांधी को 30 दिन का समय दिया था।
क्या था राहुल गांधी का बयान?
बता दें कि राहुल गांधी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, ‘नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी… सबका कॉमन सरनेम क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ इसी बयान को लेकर मोदी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा था। इसके बाद गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ सूरत कोर्ट में मानहानि का मामला दायर कराया था। इस मामले के खिलाफ कोर्ट ने करीब 4 साल बाद राहुल को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।