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CM योगी ने मथुरा में किए श्रीकृष्ण के दर्शन, कान्हा बने बच्चे को खिलाई खीर

देवरिया। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा पहुंचे और श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में कान्हा के दर्शन किए। जन्माष्टमी के दिन सुबह करीब 11 बजे सीएम का हेलीकॉप्टर महाविद्यालय रामलीला मैदान में उतरा। यहां से सीएम सीधे श्री कृष्णजन्मस्थली पहुंचे और गर्भगृह में बाल गोपाल की पूजा अर्चना की।

कान्हा बने बच्चे को खिलाई खीर

सीएम योगी का बच्चों से लगाव अक्सर देखने को मिलता है। नवरात्री पर भी हर साल सीएम गोरखनाथ मठ में छोटी-छोटी कन्याओं के पैर पूजते हैं और उन्हें भोजन कराते हैं। जन्माष्टमी पर भी उनका बाल प्रेम दिखाई दिया। पूजा-अर्चना और दर्शन के बाद मुख्यमंत्री पांचजन्य सभागार पहुंचे, यहां उन्होंने बाल कृष्ण का रूप धरे एक छोटे बच्चे को खूब लाड किया और उसे अपनी गोद में लेकर अपने हाथों से खीर खिलाई। सीएम ने वहां उपस्थित बच्चों को खिलौने और खाने-पीने की पौष्टिक चीजें भी बांटी।

आठ वर्षों में 38वीं बार मथुरा पहुंचे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले आठ वर्षों में 38वीं बार भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा का दौरा किया है। इससे स्पष्ट है कि योगी सरकार की प्राथमिकताओं में मथुरा का विकास भी शामिल है। मुख्यमंत्री रहते हुए सर्वाधिक बार मथुरा आने का उनका यह रिकॉर्ड सनातन आस्था के प्रति गहरे सम्मान और समर्पण को दर्शाता है।

काशी-अयोध्या की तर्ज पर अब मथुरा पर फोकस

अपने कार्यकाल में सीएम योगी 160 बार काशी, 85 बार अयोध्या और अब तक 38 बार मथुरा का दौरा कर चुके हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि जिस धार्मिक नगरी पर उनका फोकस बढ़ता है, वहां बड़े पैमाने पर विकास कार्य होते हैं। काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के बाद अब कृष्ण नगरी मथुरा के कायाकल्प पर योगी सरकार का पूरा ध्यान है।

तीन प्रमुख धार्मिक नगरियों को विश्व पटल पर लाने का संकल्प

योगी सरकार का लक्ष्य भारत की तीनों प्रमुख धार्मिक नगरियों काशी, अयोध्या और मथुरा को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना है। सरकार का यह प्रयास न केवल सनातन संस्कृति को मजबूती देता है बल्कि भारत की आस्था और आध्यात्मिक धरोहर को भी नई पहचान दिलाता है। सीएम योगी ने कई बार अपने भाषणों से यह स्पष्ट किया है कि काशी और अयोध्या के बाद अब मधुरा की बारी है। मधुरा जैसी धार्मिक स्थली को भी अब काशी और अयोध्या जैसे विकसित कर उनका कायाकल्प किया जाएगा।

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