देवरिया। प्रयागराज में 45 दिनों तक चले महाकुंभ में देश और विदेशों से करोड़ों लोग शामिल हुए। ये महा पर्व सिर्फ धर्म और आस्था के नजरिए से बड़ा नहीं था, बल्की इस दौरान हुए व्यापार से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को सिर्फ 45 दिनों में ही काफी फायदा पहुंचाया है। कुंभ के दौरान एक दातून बेचने वाले से लेकर बड़े होटल्स और टेंट वालों तक ने अच्छी खासी कमाई की है। वहीं सरकार ने कुंभ को लेकर 7 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे।
नाविक परिवार ने कमाई 30 करोड़ रुपए
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कुंभ में हुए व्यापार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक नाविक परिवार ने कुंभ के 45 दिनों में 30 करोड़ रुपए की कमाई की है। इस नाविक परिवार के पास कुल 130 नाव हैं जिससे उन्होंने कुंभ में 30 करोड़ रुपए कमाए हैं। सीएम योगी के इस बयान के बाद नाविक परिवार पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सीएम योगी ने क्या कहा?
विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि- “प्रयाराज में महाकुंभ मेले के दौरान नाविक के शोषण के सपा के आरोप पर योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि मैं एक नाविक के परिवार की कहानी बता रहा हूं। नाविक परिवार के पास कुल 130 नावें हैं। उसे 45 दिनों तक महाकुंभ मेले में 30 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा हुआ है। मतलब- हर नाव से उसे 23 लाख रुपये की कमाई हुई है। एक दिन के हिसाब से अगर निकाले तो नाविक परिवार ने नाव चलाकर एक नाव से 50,000-52,000 रुपये कमाए”।
कारोबार में 3 लाख करोड़ की बढ़ोतरी
महाकुंभ मेले के आयोजन में यूपी सरकरा ने 7 हजार 500 करोड़ रुपये खर्च किए। वहीं कुंभ के दौरान कारोबार में रिकॉर्ड 3 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 45 दिनों के इस पर्व मे होटल इंडस्ट्री में 40,000 करोड़ रुपये, खाने-पीने की चीजों के कारोबार और डेली निड्स प्रोडक्ट्स में 33,000 करोड़ रुपये, ट्रांसपोर्ट में 1.5 लाख करोड़ रुपये, प्रसाद में 20 हजार करोड़ रुपये, दान में 660 करोड़ रुपये, टोल टैक्स में 300 करोड़ रुपये और दूसरे रेवेन्यू में 66 हजार0 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है जो किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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