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भारत-ऑस्ट्रेलिया के पहले टेस्ट में बवाल, विदेशी खिलाड़ियों ने जडेजा पर बॉल टेंपरिंग का लगाया आरोप

देवरिया। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का पहला टेस्ट मैच नागपुर में खेला जा रहा है। मैच के पहले दिन भारतीय गेंदबाज रवींद्र जडेजा का ऐसा जादू चला कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज धराशायी हो गए। रवींद्र जडेजा ने पांच विकेट चटकाए,जिसके बदौलत ऑस्ट्रेलिया की टीम 177 रन पर ही सीमट गई। मैच में जडेजा का साथ देते हुए अश्विन ने तीन, शमी और सिराज ने 1-1 विकेट लिए।

जडेजा ने मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, मेट रेनशॉ, पीटर हैंड्सकॉम्ब और टॉड मर्फी को आउट किया। लेकिन जडेजा के पांच विकेट चटकाने के बाद बौखलाए ऑस्ट्रेलियाई मीडिया आउटलेट ने साजिश रचते हुए रविंद्र जडेजा का एक वीडियो जारी कर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।

वीडियो में रवींद्र जडेजा गेंद फेंकने से पहले साथी खिलाड़ी मोहम्मद सिराज के पास जाते हैं और उनसे कुछ लेकर अपनी उंगलियों में लगाते दिख रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया आउटलेट Foxsports.com.au ने वीडियो शेयर किया है, जो अब काफी वायरल हो रहा है।

वहीं, वीडियो के सामने आने के बाद ऑस्ट्रेलियाई मीडिया फॉक्स और विदेशी क्रिकेटर टेंपरिंग का मुद्दा उठाने लग गए हैं। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने ट्वीट कर कहा कि वह अपनी घूमती हुई उंगली में क्या लगा रहा है ? ऐसा कभी नहीं देखा। जिस समय का यह वीडियो है उस वक्त ऑस्ट्रेलिया का स्कोर पांच विकेट पर 120 रन था। कंगारू टीम की ओर से उस समय एलेक्स कैरी और पीटर हैंड्सकोम्ब बल्लेबाजी कर रहे थे।

वीडियो सामने आने के बाद ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जडेजा ने अपनी उंगलियों में क्या लगाया था। हालांकि, वीडियो देखने से पता चलता है कि जडेजा ने अपनी दुखती उंगलियों को राहत देने के लिए मरहम लगाया है। फिलहाल इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन एक बात साफ है कि विदेशी खिलाड़ी और ऑस्ट्रेलिया मीडिया मामले को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। रवींद्र जडेजा पर बॉल-टेम्परिंग का आरोप मढ़ने की साजिश रच रहे हैं। वैसे आईसीसी के नियम के अनुसार गेंद पर कुछ भी लगाना मना है।

क्या केपटाउन टेस्ट भूल गई ऑस्ट्रेलियाई मीडिया?

देखा जाए तो बॉल टेम्परिंग को लेकर विदेशी खिलाड़ियों का पुराना इतिहास रहा है। साल 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ के मामले में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर एक साल का प्रतिबंध लगाया था। वहीं कैमरन बैनक्रॉफ्ट पर नौ महीने का बैन लगा था। टेस्ट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब बॉल टैम्परिंग को लेकर दो खिलाड़ियों पर एक-एक साल का बैन लगा हो।

 

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